बरेली। इन दिनों लोकसभा के चुनाव शबाब पर है और अब आखिरी मरहले की 1 जून को वोटिंग होनी है, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पांचवें चरण से अपनी सभाओं में मुसलमानो की चर्चा करने लगे, इसी संदर्भ में आज उन्होंने कहा कि मैं नहीं चाहता कि मजबूरी में मुसलमान मोदी को पसंद करें, मैं चाहता हूं कि मन से मुझे पसंद करें। प्रधानमंत्री के इस बयान पर आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मोदी जी का यह बयान स्वागत योग्य है, इससे पहले भी उन्होंने मुसलमानो को अपने साथ जोड़ने की बाते कही थी, उन्होंने एक साल पहले भी हैदराबाद में भाजपा की कार्यकारिणी बैठक में उत्तर प्रदेश नेताओं को सम्बोधित करते हुए कहा था कि आप लोग पसमांदा मुसलमानो को जोड़िये। अभी चुनाव के दरमियान भी एक पत्रकार को इंटरव्यू देते हुए कहा कि मेरे मुसलमानो से अच्छे रिश्ते रहे हैं, मेरे घर के आस पास मुस्लिम आबादी है, ईद और मोहर्रम के दिनों में मेरे घर में खाना नहीं पकता था बल्कि पड़ोस के मुस्लिम घरो से खाना आता था, मैं बगैर मुसलमानो के सामाजिक जीवन नहीं जी सकता।मौलाना ने कहा कि प्रधानमंत्री दिल से मुसलमानो को अपने साथ जोड़ना चाहते हैं, मैं उनकी नियत पर शक नहीं कर सकता हूं और किसी को भी उनकी नियत पर शक करने की जरूरत नहीं। मगर समस्या यहां आकर खड़ी हो जाती है कि उन्हीं की पार्टी के सेकेंड लाइन के लोग मुसलमानो के खिलाफ ऊल जलूल बयान देते है, इनकी शिकायत किये जाने के बाद भी कार्यवाही नहीं होती।मौलाना ने आगे कहा कि भारत का मुसलमान व्यक्तिगत तौर पर मोदी को पसंद करता है, क्योंकि पूरे 10 साल के कार्यकाल का अगर जायज़ा लिया जाये तो उनके कामों को हम 95 फीसद समर्थन कर सकते है। दुनिया में भारत की छवि को मजबूत किया जाना, मुस्लिम देशों से अच्छे रिश्ते बनाना, अंदरुनी और बहरूनी देशों में मानवता के आधार पर सहायता पहुंचाये जाना। सरकारी स्किमो को गरीबों व लाब्भारतीयो तक बगैर रूकावट के पहुचाना , अफगानिस्तान, बंगलादेश औल फिलीस्तीन की आर्थिक मदद करना आदि ये वो चीजें है जो किसी से ढकी छुपी नही है। मौलाना ने मजीद कहा कि लोकसभा चुनाव में मुस्लिम क़यादत को समाजवादी पार्टी ने हाशिए पर कर दिया, अखिलेश यादव ने अपने चुनावी सभाओं के स्टेजो को मुस्लिम लीडरान और नुमाया मुस्लिम चेहरो के फोटो से भी परहेज़ रखा, यहां तक कि अखिलेश यादव ने मुस्लिम क़यादत को खत्म कर दिया,उत्तर प्रदेश का मुसलमान इंन बातो को गम्भीरता के साथ विचार विमर्श कर रहा है, चुनाव के नतीजे जो भी आये उसका हम सामना करने के लिए तैयार है।