बरेली। अयोध्या में भगवान श्रीराम जन्मभूमि परिसर में राममंदिर निर्माण का कार्य आजकल तेजी पर चल रहा है। श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के अनुसार अब तक मंदिर निर्माण का 45 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। राममंदिर की प्लिंथ का भी काम भी अब अंतिम चरण में जा पहुंचा है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महासचिव चंपत राय ने विगत दिनों श्री राम मंदिर निर्माण के चित्र सोशल मीडिया व ट्विटर हैंडल पर जारी करते हुए देश-दुनिया के भक्तों को राममंदिर की भव्यता से अवगत भी कराया था। गर्भगृह कमल के आकार का बनाया जाना है। महासचिव चंपत राय ने मीडिया को बताया था कि प्लिंथ निर्माण का काम अंतिम चरण में है। मंदिर के गर्भगृह में भी अब तक 250 पत्थर बिछाए जा चुके हैं। अब कुछ ही पत्थर लगने को बाकी रह गए हैं। मंदिर की रिटेनिंग वाल का निर्माण भी तेजी से चल रहा है। बताया कि बहुत जल्द ही चार दरवाजे वाले परकोटे के निर्माण का भी काम शुरू हो जाएगा। निर्माणाधीन भगवान श्री राममंदिर भव्य ही नहीं तकनीक के मामले में देश के मंदिरों में अति आधुनिक भी होगा। इसके लिए देश के नामी गिरामी वेगयानिको की राय भी ली जा रही है।श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास राम मंदिर के निर्माण में अब वैज्ञानिक पद्धति का भी प्रयोग कर रहा है जिससे राम मंदिर कम से कम 1 हजार साल तक पूर्ण रूप से सुरक्षित रहे। देश भर के नामी वैज्ञानिकों की भी राय न्यास ले कर उस पर मंथन कर रहा है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास ने राम मंदिर निर्माण को वर्ष 2023 तक पूर्ण कर लेने का लक्ष्य रखा है। राममंदिर निर्माण कर रही देश की दो बड़ी कंपनियां लार्सन एंड टूब्रो और टाटा कंसल्टेंसी के इंजीनियर राममंदिर निर्माण की समीक्षा भी करते रहते हैं और तय समय के अनुसार काम पूरा करने के लक्ष्य पर ही आगे बढ़ रहे हैं।
लार्सन एंड टूब्रो के इंजीनियर के अनुसार पंजाब के चंडीगढ़ से उच्च गुणवत्ता वाली ईंटें मंगवाई जा रही हैं। इन ईट में तीन छेद है। यह ईंटें मंदिर की बाहरी और भीतरी दीवार के बीच में लगाई जाएगी। इससे मंदिर के भीतर गर्मी का एहसास कम होगा। उन्होंने ये भी कहा कि इस कड़ी में ईंटों में छेद किया गया है जिससे मंदिर की मजबूती को और बल मिले। इसे एलमुनियम की पत्ती से जोड़ा जाएगा जिससे इन ईंट की पकड़ भी मजबूत बनी रहेगी।