उझानी। दो साल पहले छुट्टी को लेकर हुए विवाद में एसएसआई को सरकारी इंसास से गोली मारने के आरोपी सिपाही को बर्खास्त कर दिया गया है। शासन के निर्देश पर एसएसपी डॉ. ओपी सिंह ने यह कार्रवाई की है। विभागीय जांच में सिपाही दोषी पाया गया था। उसने खुद को भी गोली मारकर आत्महत्या की कोशिश की थी। हाथरस के थाना जंक्शन इलाके के नगला गुलड़िया गांव में रहने वाला सिपाही ललित कुमार उझानी कोतवाली में तैनात था। चार सितंबर 2020 को उसने एसएसआई रामौतार के सामने छुट्टी की बात रखी। उस वक्त उझानी कोतवाल रहे ओमकार सिंह अवकाश पर थे और कुछ देर पहले ही कोतवाली पहुंचे थे। यहां एसएसआई से सिपाही का छुट्टी को लेकर विवाद हुआ। इसी से बौखलाए सिपाही ने कंधे पर लटकी इंसास उतारी और हवाई फायर करने के साथ ही दरोगा को गोली मार दी। खुद को भी उसे इंसास से गोली मारकर सिपाही ने घायल कर लिया। खुद को भी मारी थी गोली उस वक्त कोतवाली में तैनात पूरा स्टाफ हड़बड़ा गया। मुंशी से लेकर कोतवाल तक सभी यहां-वहां भागकर अपनी जान बचाने में जुट गए। हालांकि सिपाही जब गिर पड़ा तो सबसे पहले उसकी इंसास छीनी और बाद में दोनों को जिला अस्पताल लाया गया। यहां से दोनों का प्राथमिक इलाज के बाद हायर सेंटर रेफर किया गया। घटना की प्राथमिक उस वक्त मुंशी की ओर से दर्ज की गई और इंसास को आलाकत्ल बनाकर सील कर दिया गया। पुलिस अभिरक्षा में सिपाही का इलाज हुआ और बाद में उसे जेल भेजा गया। हालांकि इसके बाद वह जमानत पर छूटा और हाइकोर्ट की शरण में गया। इसके बाद पिछले साल हाइकोर्ट के निर्देश पर वह ड्यूटी पर लौट आया और पुलिस लाइन में तैनात किया गया। सिपाही ललित तत्कालीन कोतवाल विनोद चाहर का काफी करीबी था और उन्हें अक्सर ताऊ कहकर बुलाता था। विनोद चाहर का तबादला हुआ और उनकी जगह ओमकार सिंह को चार्ज मिला था। इसके बाद कोतवाली में कुछ पुलिसकर्मी उसका उपहास उड़ाते थे। बताया जाता है कि एसएसआई ने भी उससे कहा था कि ज्यादा दिन की छुट्टी चाहिए तो ताऊ से ले ले। इसी बात पर सिपाही बौखलाया और वारदात हो गई। एसएसपी डॉ. ओपी सिंह ने बताया कि आरोपी को बर्खास्त कर दिया गया है।