आबकारी विभाग का शानदार प्रदर्शन, 8 माह में 35 हजार करोड़ से अधिक राजस्व, अवैध शराब और नियम उल्लंघन पर सख्ती
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के आबकारी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नितिन अग्रवाल ने बताया कि अप्रैल से नवंबर माह के बीच आबकारी विभाग ने 35,144 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया है। यह बीते वर्ष की समान अवधि में प्राप्त 30,402.34 करोड़ रुपये की तुलना में 4,741.77 करोड़ रुपये अधिक है, जो लगभग 15.59 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्शाता है। निर्धारित 37,900 करोड़ रुपये के लक्ष्य के सापेक्ष विभाग अब तक 92.73 प्रतिशत राजस्व प्राप्त कर चुका है, जिसे उत्कृष्ट प्रदर्शन माना जा रहा है। केवल नवंबर माह में ही विभाग को 4,486 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ।
नितिन अग्रवाल ने कहा कि अवैध शराब के विरुद्ध कठोर कार्रवाई विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में अक्टूबर माह तक अवैध मदिरा के निर्माण, बिक्री और तस्करी के मामलों में कुल 70,017 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। इस दौरान 18.5 लाख लीटर अवैध मदिरा बरामद की गई, जबकि अवैध कारोबार में संलिप्त 13,243 लोगों को गिरफ्तार किया गया और 2,464 को जेल भेजा गया। नवंबर माह में ही दैनिक प्रवर्तन अभियान के तहत 10,002 प्राथमिकी दर्ज कर 2.35 लाख बल्क लीटर अवैध मदिरा बरामद की गई। इस कार्रवाई में 1,812 लोगों को गिरफ्तार किया गया, 297 को जेल भेजा गया और अवैध तस्करी में प्रयुक्त 14 वाहनों को जब्त किया गया।
इसी क्रम में आबकारी आयुक्त डॉ. आदर्श सिंह ने कुछ दिन का लाइसेंस लेकर रोजाना शराब परोसने वाले रेस्टोरेंट और होटलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसे मामलों में संबंधित प्रतिष्ठानों का लाइसेंस निरस्त किया जाएगा और यदि विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत पाई गई तो उनके खिलाफ भी कठोर कार्रवाई की जाएगी।
आबकारी विभाग के संज्ञान में आया है कि कई जिलों में रेस्टोरेंट और होटल सप्ताह में सीमित दिनों के लिए बार लाइसेंस लेकर शेष दिनों में भी शराब परोस रहे हैं, जिससे न केवल राजस्व की क्षति हो रही है बल्कि विभाग की छवि भी प्रभावित हो रही है। यह भी सामने आया है कि कुछ मामलों में विभागीय अधिकारियों द्वारा ऐसे प्रतिष्ठानों को नियमित बार लाइसेंस के लिए आवेदन करने से हतोत्साहित किया जा रहा है या सहयोग नहीं दिया जा रहा है।
इसके अतिरिक्त कुछ क्लब बार के लाइसेंस बिना पंजीकरण और विधिसम्मत संचालन की जांच किए नवीनीकृत किए जा रहे हैं, जिसे आयुक्त ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि सभी क्लब बार लाइसेंसों के नवीनीकरण से पहले पंजीकरण और कानूनी स्थिति की गहन जांच की जाए तथा अधिकारियों और कर्मचारियों की जवाबदेही तय कर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। इसके लिए विकास प्राधिकरणों, पुलिस और अन्य संबंधित विभागों से समन्वय स्थापित करने के भी निर्देश दिए गए हैं।
