वृन्दावन में अभिनेता धर्मेंद्र के सम्मान में श्रद्धांजलि सभा, उमड़ा देशभर से प्रशंसकों का सैलाब

मथुरा।वृन्दावन की पावन भूमि पर हिंदी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र के सम्मान में एक भव्य और भावपूर्ण श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर देश के विभिन्न हिस्सों से आए उनके चाहने वालों, कलाकारों, राजनेताओं और सामाजिक प्रतिनिधियों ने एकत्र होकर महान अभिनेता के प्रति अपनी श्रद्धा और संवेदना प्रकट की। कार्यक्रम का माहौल भावुकता, सम्मान और स्मृतियों से भरा रहा, जहां हर वक्ता और उपस्थित व्यक्ति धर्मेंद्र से जुड़ी यादों को साझा करता नजर आया।

श्रद्धांजलि सभा में मथुरा की सांसद और प्रसिद्ध अभिनेत्री हेमा मालिनी की उपस्थिति कार्यक्रम का केंद्र बिंदु रही। श्रद्धांजलि देने पहुंचे लोगों ने उनसे मुलाकात कर अपनी शोक संवेदनाएं व्यक्त कीं। हेमा मालिनी ने भी उपस्थित लोगों का आभार जताते हुए कहा कि धर्मेंद्र केवल एक अभिनेता नहीं, बल्कि भारतीय सिनेमा की आत्मा का हिस्सा रहे हैं। उनके योगदान को शब्दों में समेट पाना आसान नहीं है।

कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी, उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष देवेंद्र शर्मा, मुंबई से आए अनिल शर्मा प्रोडक्शन के स्वामी एवं मशहूर फिल्म निर्देशक अनिल शर्मा, विनीत शर्मा सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता, समाजसेवी और फिल्म जगत से जुड़े लोग विशेष रूप से मौजूद रहे। सभी ने एक स्वर में धर्मेंद्र के व्यक्तित्व, उनके संघर्ष, सादगी और मेहनत की सराहना की।

कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने अपने संबोधन में कहा कि धर्मेंद्र भारतीय सिनेमा के ऐसे स्तंभ रहे हैं, जिन्होंने अपनी अदाकारी से कई पीढ़ियों को प्रभावित किया। उनके अभिनय में गांव की मिट्टी की सोंधी खुशबू भी थी और शहर की आधुनिकता भी। उन्होंने कहा कि धर्मेंद्र ने अपनी फिल्मों के माध्यम से समाज को सकारात्मक संदेश दिए और मेहनत व ईमानदारी से आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।

फिल्म निर्देशक अनिल शर्मा ने धर्मेंद्र के साथ अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि वे केवल एक महान अभिनेता ही नहीं, बल्कि एक बेहद संवेदनशील और प्रेरणादायी इंसान थे। उन्होंने कहा कि फिल्म जगत ने धर्मेंद्र से न सिर्फ अभिनय सीखा, बल्कि जीवन को सादगी और आत्मसम्मान के साथ जीने का पाठ भी पढ़ा। अनिल शर्मा ने बताया कि धर्मेंद्र सेट पर हमेशा अनुशासन और सहयोग की मिसाल पेश करते थे, जिससे नए कलाकारों को भी सीखने का अवसर मिलता था।

उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष देवेंद्र शर्मा ने कहा कि धर्मेंद्र का जीवन संघर्ष और सफलता की प्रेरक कहानी है। एक छोटे से गांव से निकलकर उन्होंने हिंदी सिनेमा में अपनी अलग पहचान बनाई और दशकों तक दर्शकों के दिलों पर राज किया। उनका व्यक्तित्व युवाओं के लिए आज भी आदर्श है।

श्रद्धांजलि सभा के दौरान वक्ताओं ने धर्मेंद्र के फिल्मी सफर पर विस्तार से प्रकाश डाला। उनकी यादगार फिल्मों, दमदार संवादों और भावनात्मक अभिनय को याद करते हुए वक्ताओं की आवाज कई बार भावुक हो उठी। सभा में मौजूद प्रशंसकों ने भी उनके गीतों और संवादों को याद कर उन्हें नमन किया। कई प्रशंसकों ने कहा कि धर्मेंद्र की फिल्में उनके जीवन का हिस्सा रहीं और कठिन समय में भी उनकी फिल्मों ने उन्हें हौसला दिया।

कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने धर्मेंद्र की सादगीपूर्ण जीवनशैली, जमीन से जुड़े स्वभाव और मेहनत को विशेष रूप से याद किया। वक्ताओं ने कहा कि इतनी ऊंचाइयों को छूने के बावजूद धर्मेंद्र हमेशा विनम्र रहे और आम लोगों से जुड़ाव बनाए रखा। यही कारण है कि वे केवल एक अभिनेता नहीं, बल्कि जन-जन के प्रिय कलाकार बन सके।

सभा के दौरान वृन्दावन की आध्यात्मिक पृष्ठभूमि ने कार्यक्रम को और भी भावनात्मक बना दिया। श्रद्धांजलि सभा में भक्ति और स्मृतियों का अनोखा संगम देखने को मिला। लोगों ने कहा कि वृन्दावन जैसी पवित्र भूमि पर आयोजित यह श्रद्धांजलि सभा धर्मेंद्र के प्रति सच्ची श्रद्धा का प्रतीक है।

कार्यक्रम के अंत में दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत अभिनेता को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। सभी उपस्थित लोगों ने उनके आदर्शों को आत्मसात करने और उनके दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया। सभा के समापन पर एक बार फिर मथुरा की सांसद हेमा मालिनी से मिलकर लोगों ने अपनी शोक संवेदनाएं प्रकट कीं और उनके प्रति सम्मान व्यक्त किया।

श्रद्धांजलि सभा न केवल एक अभिनेता को याद करने का अवसर थी, बल्कि यह भारतीय सिनेमा के उस स्वर्णिम दौर को भी नमन करने का मंच बनी, जिसमें धर्मेंद्र जैसे कलाकारों ने अपनी मेहनत और प्रतिभा से सिनेमा को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। कार्यक्रम में मौजूद हर व्यक्ति की आंखों में श्रद्धा और मन में गर्व साफ झलक रहा था।

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