बरेली। जिले के फतेहगंज क्षेत्र के ग्राम भिटौरा निवासी धनपाल ने अपनी पत्नी ममता के इलाज में लापरवाही का गंभीर आरोप मैट्रोविजन अस्पताल, मिनी बाईपास रोड बरेली पर लगाया है। प्रार्थनापत्र के अनुसार ममता को पथरी के ऑपरेशन के लिए 2 सितंबर को अस्पताल ले जाया गया था। मरीज को भर्ती करने से पूर्व ही अस्पताल कर्मियों ने दो इंजेक्शन लगाए, जिसके बाद उसके बाएं हाथ में सूजन, नीला-काला रंग और तेज दर्द की समस्या शुरू हो गई। इस पर परिजनों द्वारा शिकायत करने के बाद डॉक्टरों ने मरीज को आईसीयू में भर्ती कर लिया और अलग-अलग पर्चियों पर दवाएं लिखते हुए इलाज प्रारम्भ किया। परिजनों का आरोप है कि मरीज को गलत इंजेक्शन और गलत उपचार दिया गया, जिससे उसकी हालत लगातार बिगड़ती गई। 3 सितंबर की सुबह मरीज की स्थिति बेहद गंभीर हो गई, लेकिन उस समय अस्पताल में कोई जिम्मेदार डॉक्टर मौजूद नहीं था। परिजनों के अनुसार कर्मचारियों ने मरीज को दूसरे अस्पताल ले जाने की सलाह देते हुए केवल 1050 रुपये लेकर बिना औपचारिकता के डिस्चार्ज कर दिया। बाद में मरीज को रवि अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने हाथ की गंभीर स्थिति को देखते हुए तत्काल ऑपरेशन की सलाह दी और चेतावनी दी कि देर होने पर हाथ काटना भी पड़ सकता है। 4 सितंबर को मरीज के परिजन जब पुनः मैट्रोविजन अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टर पूनम गंगवार से मामले पर बातचीत हुई। परिजनों ने गलत उपचार के कारण हुई स्थिति की भरपाई की मांग की, लेकिन डॉक्टर ने इसे अस्वीकार कर दिया। इसके बाद परिजनों ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस की मौजूदगी में डॉक्टर पूनम गंगवार ने मरीज का मुफ्त इलाज करने की बात कही, लेकिन परिजन इससे असंतुष्ट रहे और अन्य अस्पताल में इलाज करवाने का निर्णय लिया। धनपाल ने जिलाधिकारी बरेली को प्रार्थनापत्र भेजकर पूरे मामले की विशेष जांच, मरीज का मेडिकल और मैट्रोविजन अस्पताल के खिलाफ विधिक कार्यवाही की मांग की है। प्रतिलिपि मुख्य चिकित्साधिकारी और थानाध्यक्ष इज्जतनगर को भी प्रेषित की गई है। मामला गंभीर होने के कारण जिले में स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल उठने लगे हैं।