मथुरा-वृंदावन के इन सात मंदिरों में साक्षात बसते हैं श्री कृष्ण, आप भी करें दर्शन
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में स्थित मथुरा-वृंदावन का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। यह दोनों स्थान भारतीय पौराणिक कथाओं और हिंदू धर्म में विशेष स्थान रखते हैं। पर्यटन की दृष्टि से भी मथुरा वृंदावन लोगों को काफी पसंद है। यहां भगवान विष्णु के अवतार श्री कृष्ण का जन्म हुआ था। इसलिए मथुरा को उनकी जन्मस्थली के रूप में जाना जाता है। वहीं यहां गोकुल, वृंदावन में उनका बचपन बीता।दुनियाभर से लोग मथुरा वृंदावन में घूमने और भगवान के बचपन को शहर की गलियों में महसूस करने के लिए आते हैं। वैसे तो यहां लगभग हर गली और हर घर में भगवान कृष्ण, राधा रानी के मंदिर बने हैं लेकि मथुरा वृंदावन में सात ऐसे मंदिर हैं, जिनको लेकर मान्यता है कि यहां भगवान कृष्ण साक्षात् वास करते हैं। अगर आप मथुरा वृंदावन की सैर के लिए आ रहे हैं तो यहां के अधिकतर मंदिरों के दर्शन के बीच इन सात महत्वपूर्ण मंदिरों को न भूलें।इन मंदिरों से जुड़ी पौराणिक कथाओं के साथ ही महत्वपूर्ण इतिहास भी है। आइए जानते हैं दिल्ली के पास बसे मथुरा वृंदावन के सात मशहूर मंदिरों के बारे में।मथुरा को भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि के रूप में जाना जाता है। यहाँ पर श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर स्थित है, जो लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। कहते हैं कि मथुरा के राजा कंस बहुत अत्याचारी थे। उनके अत्याचार को खत्म करने के लिए कंस की बहन के गर्भ से ही भगवान श्रीकृष्ण का जन्म होना था। इसकी भविष्यवाणी होने पर कंस ने अपनी बहन और बहनोई को महल के कारागार में बंद कर दिया। जेल की सलाखों के पीछे विष्णु अवतार भगवान कृष्ण का जन्म हुआ। आज इसी जेल को मंदिर के रूप में पूजा जाता है।बांके बिहारी का मंदिर वृंदावन में है, जो कि दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित और पुराने कृष्ण मंदिरों में से एक है। यहां भगवान कृष्ण की काले रंग की प्रतिमा स्थापित है।मथुरा का द्वारकाधीश मंदिर भी भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है। इस मंदिर की वास्तुकला राजस्थानी शैली पर आधारित है। इस मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन तो मिलेंगे ही, उनके बाल स्वरूप और बाल लीलाओं से जुड़ी घटनाओं की कुछ कलाकृतियां भी देखने को मिलती हैं।मथुरा में स्थित राधा रमण मंदिर बहुत ही महत्वपूर्ण मंदिर है, जहां भगवान राधा कृष्ण की पूजा की जाती है। इस मंदिर में भगवान कृष्ण की अनोखी मूर्ति स्थापित है। भगवान का यह स्वरूप शालिग्राम पत्थर से निकला है।वृंदावन के सबसे पुराने मंदिरों में श्री गोपीनाथ जी का मंदिर स्थित है। इस मंदिर में राधा रानी और भगवान कृष्ण विराजमान है। खास बात ये है कि इस मंदिर में राधा कृष्ण के साथ ही राधा जी की छोटी बहन अनंग मंजरी और उनकी सखी ललिता और विशाखा की मूर्तियां भी स्थापित हैं।भगवान श्रीकृष्ण की रासलीला काफी चर्चित है। पूरी दुनिया में उनकी रासलीलाओं के किस्से सुनाए जाते हैं। उनकी रासलीला का साक्षात सबूत वृंदावन का निधिवन है। निधिवन में भगवान कृष्ण, राधा रानी और गोपियों के साथ रासलीला करते थे। वहां पहुंचकर प्रतीत होता है कि साक्षात भगवान यहां राधा जी और गोपियों संग विराजमान हैं।भगवान कृष्ण और राधा जी को समर्पित वृंदावन में भव्य प्रेम मंदिर का निर्माण कराया गया है। इस मंदिर में श्रीकृष्ण के जन्म से बाल लीलाओं तक के सारे किस्से दर्शाए गए हैं। मंदिर पर्यटकों के लिए खास बनवाया गया है, जिसकी खूबसूरती देश-विदेश से पर्यटकों को आकर्षित करती है। प्रेम मंदिर की वास्तुकला और मूर्तियों में भगवान श्रीकृष्ण की लीलाएं देखने को मिलती हैं।