लखनऊ। यूपी में इंडिया गठबंधन करीब-करीब टूट गया है। बरेली और वाराणसी में भी सपा द्वारा सीटें घोषित हो जाने के बाद यह बात करीब-करीब साफ हो गई है कि यह सपा और कांग्रेस अलग-अलग चुनाव लड़ने जा रहे हैं। मंगलवार को शाम जारी हुई सपा की तीसरी सूची में सपा ने बरेली और वाराणसी से भी प्रत्याशी उतार दिए। यह वो सीटें थीं जिन्हें सपा कांग्रेस को ऑफर कर चुकी थी। या जिन पर माना जा रहा था कि कांग्रेस यहां से चुनाव लड़ने जा रही है।इस सूची में शिवपाल यादव को बदायूं से उम्मीदवार घोषित किया है। इससे पहले यहां से अखिलेश के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव चुनाव लड़ चुके हैं। पार्टी ने वाराणसी से सुरेंद्र सिंह पटेल को टिकट दिया है। यह सीट कांग्रेस कोटे की सीट बताई जा रही थी। समाजवादी पार्टी ने गठबंधन के तहत अब 17 सीटों पर कांग्रेस को अपने प्रत्याशी उतारने का प्रस्ताव दिया था। इससे पहले सपा ने कांग्रेस को 11 सीटों पर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया था, जिसे लेकर दोनों दलों के बीच बयानबाजी शुरू हो गई थी। सोमवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कांग्रेस के लिए 17 लोकसभा सीटें छोड़ने का फैसला किया था। सूत्रों के मुताबिक सपा ने कांग्रेस को अमेठी, रायबरेली, बाराबंकी, सीतापुर, कैसरगंज, वाराणसी, अमरोहा, सहारनपुर, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, बुलंदशहर, फतेहपुर सीकरी, कानपुर, हाथरस, झांसी, महराजगंज और बागपत सीट दी है। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक सपा की ओर से 17 सीटों का प्रस्ताव मिला था, हालांकि पार्टी की ओर से इस पर अभी कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की गई थी। मालूम रहे कि इससे पहले 11 सीटों का प्रस्ताव देने पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने असंतोष जताया था। जिसके बाद सपा ने नए सिरे से सीटों का चयन कर सूची कांग्रेस नेतृत्व को भेजी थी। सपा की पहली लोकसभा उम्मीदवारों की सूची 30 जनवरी को सामने आई थी। जिसमें 16 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की गई थी। इसके बाद 19 फरवरी को दूसरी और 20 फरवरी को तीसरी सूची जारी की। सपा ने अब तक यूपी की 80 लोकसभा सीट पर 31 उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं।