जन दृष्टि संस्था ने अन्ना हजारे को भारत रत्न देने की मांग उठाई
बदायूँ। जन दृष्टि (व्यवस्था सुधार मिशन) के तत्वावधान में माह के द्वितीय व चतुर्थ शनिवार को आयोजित होने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रमों की श्रृंखला में केंद्रीय कार्यालय प्रभारी रामगोपाल के संयोजन में २०७ वें सूचना कार्यकर्ता प्रशिक्षण/विधिक सेवा शिविर का आयोजन संगठन के मुख्यालय पर संरक्षक एम एल गुप्ता की अध्यक्षता में किया गया। सूचना कार्यकर्ता व विधिक सेवा शिविर में जन दृष्टि (व्यवस्था सुधार मिशन) के जनक हरि प्रताप सिंह राठोड एडवोकेट द्वारा प्रशिक्षणार्थियों को सूचना का अधिकार अधिनियम व नियमावली, जनहित गारंटी कानून, पंचायत राज व्यवस्था की बारीकियां बताने के साथ ही विभिन्न ऐप, पोर्टल और हेल्पलाइन के लोकहित में प्रयोग के तरीक़े भी बताए गए। आज के सत्र में सुचना कार्यकर्ताओं की व्यावहारिक कठिनाईयो का भी निवारण किया गया। साथ ही प्रत्येक माह में प्रत्येक सूचना कार्यकर्ता को चार सूचनाएं मांगने एवम लोकहित के विषयों पर चार शिकायते विभिन्न पोर्टल के माध्यम से किए जाने का लक्ष्य दिया गया।
इस अवसर पर विचार व्यक्त करते हुए जन दृष्टि (व्यवस्था सुधार मिशन) के संस्थापक/ अध्यक्ष हरि प्रताप सिंह राठोड़ एडवोकेट ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचारों पर चलकर देश में अनेक परिवर्तनकारी कार्य करने वाले देश के प्रतिष्ठित सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे, जिन्हें पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है, अन्ना हजारे के कार्यों और विचारों से सम्पूर्ण विश्व परिचित हैं, वे भारत रत्न के सच्चे अर्थों में अधिकारी है। अन्ना हजारे को भारत रत्न दिए जानें की मांग को लेकर संगठन की ओर से राष्ट्रपति, प्रधानमन्त्री को पत्र प्रेषित किए जायेंगे।
श्री राठोड़ ने कहा कि सरकार द्वारा नागरिकों के हित में खतौनी में अंश लिखें जानें की व्यवस्था की गई साथ ही घरौनी बनाए जानें का कार्य चल रहा है। किन्तु कार्मिकों की लापरवाही के कारण खतौनी में अंश निर्धारण गलत किया गया है, इसी प्रकार घरौंनी में भी बडे़ स्तर पर त्रुटियां की गई है, नागरिकों को आपत्ति का अवसर भी नहीं दिया गया, जिस कारण नागरिकों का एक बड़ा वर्ग अनावश्यक मुकदमेबाजी से ग्रस्त होगा। नागरिकों के एक बडे़ वर्ग को अनावश्यक मुकदमेबाजी से बचाने हेतु खतौनी और घरौनी को शुद्ध करने के लिए अभियान चलाए जाने की आवश्यकता है। नागरिकों को इस बड़ी समस्या से मुक्ति के लिए संगठन प्रदेश के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और अध्यक्ष राजस्व परिषद को मांग पत्र प्रेषित करेगा। शिविर में प्रमुख रूप से संरक्षक एम एल गुप्ता, सुरेश पाल सिंह चौहान, प्यारेलाल, डॉ एस के सिंह, केंद्रीय कार्यालय प्रभारी रामगोपाल, प्रदेश समन्वयक डॉ सुशील कुमार सिंह, मंडल समन्वयक एम एच कादरी, जिला समन्वयक सतेंद्र सिंह गहलौत, सह जिला समन्वयक महेश चंद्र, तहसील समन्वयक आर्येंद्र पाल सिंह, नेत्रपाल व कृष्ण गोपाल आदि की सहभागिता रही।