गुड कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने में मदद करते हैं पर्पल फूड्स

स्वास्थ्य। हर सब्जी या फल का अपना एक अलग रंग होता है। अपने खाने में रेनबो फूड्स को शामिल करना बेहद जरूरी होता है क्योंकि इनसे अलग अलग पोषक तत्व प्राप्त होते हैं हमें, जो हमारी सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। रेनबो फूड्स के रंगों में एक रंग पर्पल भी होता है, जिसके अनेको फायदे आपको मिल सकते हैं। आइए जानते हैं क्या हैं पर्पल फूड्स और इन्हें खाने के क्या लाभ हो सकते हैं। पर्पल फूड्स उन फलों और सब्जियोंं को कहा जाता है, जिनका रंग पर्पल यानी बैंगनी होता है। हर फल या सब्जी का रंग उनमें मौजूद एक खास पिग्मेंट के कारण होता है। इनमें पर्पल रंग एंथोसायनिन नामक पिग्मेंट के कारण होता है। जिस फूड आइटम में यह जितनी अधिक मात्रा में पाया जाता है, उसका रंग उतना ही गहरा होता है।एंथोसायनिन एक एंटीऑक्सिडेंट होता है, जो हार्ट डिजीज, न्यूरोलॉजिक्ल डिजीज और कैंसर से बचाव में कारगर होता है। बैंगन, ब्लैक करंट, प्लम, जामुन, काले अंगूर, अंजीर, पर्पल कॉर्न, ब्लैकबेरी, लाल पत्ता गोभी, पर्पल गाजर, पर्पल आलू, पर्पल फूड की लिस्ट में शामिल होते हैं। दिल को तंदुरुसत रखने के लिए गुड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अधिक और बैड कोलेस्ट्रॉल का लेवल कम होना चाहिए। इसमें पर्पल फूड्स आपकी मदद कर सकते हैं। इससे धमनियों में इकट्ठा प्लेग साफ होता है और ब्लड सर्कुलेशन आसानी से हो पाता है। इससे हाइपरटेंशन और स्ट्रोक की संभावना भी कम होती है। एंथोसायनिन बेहद ही स्ट्रांग एंटीऑक्सिडेंट होता है, जो शरीर में होने वाले फ्री रेडिकल डैमेज को कम करता है। इस कारण से यह कैंसर के खतरे को कम करता है। इसके साथ ही यह इंफ्लेमेशन को भी कम करता है। एंथोसायनिन शरीर का ग्लूकोज लेवल मेंटेन करने में मदद करता है, जिस कारण से वजन कम करने में काफी मदद मिलती है। यह मेटाबॉलिज्म तेज और लिपिड अब्सोर्पशन को कम कर वजन कम करने में मददगार होता है। पर्पल फूड्स की न्यूट्रीशन डेंसिटी काफी ज्यादा होती है, जो वजन घटाने में लिए एक महत्वपूर्ण कारक है। एंटीऑक्सिडेंट्स स्किन के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। यह फ्री रैडिकल डैमेज से स्किन को बचाते हैं। एंथोसायनिन एक प्रकार का एंटीऑक्सिडेंट होता है, जो एजिंग के लक्षण जैसे- झुर्रियां और धब्बों को कम कर, स्किन को निखार देता है और त्वचा को बेहतर बनाता है। पर्पल फूड्स को नियमित रूप से खाने से डायबिटीज का खतरा कम हो जाता है। इनमें पाया जाने वाला एंथोसायनिन सूजन कम करने में भी मदद करता है और ग्लूकोज टॉलरेंस को बढ़ाता है, जिससे शरीर ग्लूकोज की अधिक मात्रा को मैनेज कर पाती है। इस कारण से डायबिटीज होने की संभावना कम हो जाती है।