लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस रेडियो मुख्यालय के स्थापना दिवस के अवसर पर कहा कि वर्ष 1938 में हरिद्वार कुंभ में तीन हाथियों पर हैंडसेट लेकर शुरू हुई पुलिस संचार प्रणाली की यात्रा आज मोबाइल तक आ चुकी है। उन्होंने कहा कि हमें अपने इतिहास को भी संरक्षित रखना है, पुराने उपकरणों एवं शस्त्रों को कबाड़ में भेजने के बजाय प्रत्येक पुलिस लाइन और पीएसी की वाहिनी में म्यूजियम की स्थापना कर रखा जाए। इसका अवलोकन आम जनता के साथ स्कूली बच्चे भी कर सकें। योगी ने बीते प्रयागराज महाकुंभ में पुलिस रेडियो मुख्यालय द्वारा किए गये कार्यों को उत्कृष्ट बताते हुए कहा कि इतिहास साक्षी है कि जिस बल के पास प्रशिक्षण, उपकरण और हथियार होते हैं, वह हमेशा विजेता रहता है। हर राष्ट्र आधुनिक तकनीक और संसाधन में पिछड़ने न पाए, इसका ध्यान रखता है। पुलिस के पास आंतरिक सुरक्षा की बड़ी जिम्मेदारी है। पुलिस दूरसंचार प्रणाली सटीक सूचनाएं जुटाने और उसे समय पर सही स्थान तक पहुंचाने की अहम भूमिका निभाती है। प्रयागराज कुंभ में पुलिस व्यवस्था देश और दुनिया के लिए आश्चर्य का विषय बन गयी थी। करीब 24 करोड़ श्रद्धालुओं ने बदलते यूपी की तस्वीर देखी और उत्तर प्रदेश में अच्छा माहौल होने का संदेश लेकर वापस गये। हम तकनीक से भाग नहीं सकते, उसे व्यवस्था का अंग बनाना ही पड़ेगा। वहीं डीजीपी विजय कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशन में प्रदेश पुलिस नई तकनीक को अपना रही है। कानून-व्यवस्था प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है, जिसमें पुलिस रेडियो मुख्यालय सेतु का काम करता है। डीजी टेलीकॉम संजय एम. तरड़े ने पुलिस रेडियो मुख्यालय की उपलब्धियों पर प्रस्तुतिकरण दिया। इस अवसर पर मुख्य सचिव डीएस मिश्रा, प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद, स्पेशल डीजी कानून-व्यवस्था एवं अपराध प्रशांत कुमार आदि उपस्थित थे।