बदायूँ में पुरखुलूस महौल में जुलूस ए मोहम्मदी निकाला, जगह जगह पुष्प वर्षा कर किया स्वागत
बदायूँ। जिले भर में गुरुवार को जश्ने ईद मिलादुन्नबी का त्योहार परम्परागत ढंग से मनाया गया । शहर में जुलूस ए मोहम्मदी जामा मस्जिद से शुरू हुआ। जो मथुरिया चौक, कोतवाली रोड, मुंडी मस्जिद रोड समेत पूर्व निर्धारित मार्गो से पुरखुलूस महौल में निकाला गया। निर्धारित मार्गो से होता हुआ यह जुलूस ए मोहम्मदी पुनः जामा मस्जिद पहुँच कर समाप्त हो गया। जुलूसे मौहम्मदी पर लोगों ने जगह – जगह जमकर पुष्पवर्षा की । जलसे का आगाज़ तिलावते कुरान से हुआ ! जामा मस्जिद के पेशे इमाम ने मुल्क व कौम की सलामती की दुआ की । शहर की मस्जिदों व मदरसों में सुबह आठ बजे बारह रबीउल अव्वल के मौके पर नगर के मुस्लिमों ने इकठ्ठे होकर एक दुसरे को ईद मीलादुन्नबी की मुबारक बाद पेश की | इसके बाद पूर्व निर्धारित रास्तों पर हज़ारों लोगों की उपस्थिति में आकर्षक साज सज्जा व ट्रालियों से जुलूसे मुहम्मदी निकाला गया | जुलूस में लोगों ने जगह जगह खाने पीने के स्टाल लगाये एवं जुलूस में चल रहे लोगों को तरह-तरह के फल हलवे फ्रूटी पानी की बोतलें कोल्ड ड्रिंक बिस्किट्स आदि चीजें वितरित की यहाँ के मदरसो में एवं अन्य मस्जिदों के इमाम व उलेमाओं ने लोगों को मुहम्मद साहब की ज़िन्दगी के बारे में बताया व नेक राह पे चलने की हिदायत की ।
इसके बाद सभी लोग हाथों में जश्ने ईद मीलादुन्नबी के झंडे लेकर जुलूस में शामिल हुए। इस्लाम धर्म के प्रवर्तक हज़रत मुहम्मद साहब के जन्म के उपलक्ष्य मे मनाया जाने वाला जश्ने ईद मिलादुन्नबी का त्यौहार पूरी श्रृद्वा व उल्लास के साथ मनाया गया। इस मौके पर हजारो की संख्या मे मुस्लिम भाईयो ने जूलूसे मौहम्मदी निकालकर सरकार की आमद मरहबा, नबी का दामन नही छोड़ेंगे जैसे नारो के जरिये अपनी खुशी का इजहार किया। इस्लाम धर्म के प्रवर्तक व अल्लाह के पेगम्बर हजरत मुहम्मद सल.की पैदाइश की खुशी मे इस त्यौहार को मनाया जाता है। उन्होने बताया कि हजरत मुहम्मद सल्लाहु आलेवसल्लम का जन्म मक्का शहर मे इस्लामिक कलेण्डर के रब्बिहुल महीने की 12 तारीख तथा अग्रंजी कलेण्डर के अनुसार 22 अप्रैल सन् 571 को प्रातःकाल 4 बजकर 45 मिनट पर हुआ था। आपके दादा का नाम हजरत अब्दुल मुत्तलिब, पिता का नाम हजरते अब्दुल्ला, माता का नाम हजरते आमना था। आप 63 साल 4 दिन तक इस दुनियाॅ मे रहे। अपने जीवन के 23 साल आपने पैगम्बरी की। आपने लोगो को ईमान पर चलने, पड़ोसियो के साथ मिलजुलकर रहने, गरीबो व जानवरो पर दया करने, दहशतगर्दी से दूर रहने व वतन से वफादारी करने की शिक्षा भरे संदेश दिये थे। मुल्क व कौम की सलामती की दुआ हुई ! बारावफात जुलूसों को सकुशल सम्पन्न कराये जाने हेतु शहर क्षेत्र मे सुरक्षा/कानून व्यवस्था के दृष्टिगत ड्रोन कैमरे से निगरानी औऱ चैकिंग की गई। पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारी लगातार भृमण करके निगरानी करते रहे। सुरक्षा की दृष्टि से भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात रहा।