दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला भारत पहला देश
पीएम मोदी ने इसरो चीफ सोमनाथ को फोन कर के चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग की बधाई दी। उन्होंने कहा कि आप और आपकी पूरी टीम को बधाई। जल्दी ही मैं आप सब रूबरू होकर भी बधाई दूंगा। उन्होंने कहा कि आपका तो नाम ही सोमनाथ है। आपके नाम में ही सोम है। बहुत बहुत बधाई सभी को। चंद्रयान-3 मिशन के चंद्रमा की सतह पर उतरते ही बेंगलुरु में इसरो मिशन कंट्रोल सेंटर ‘वंदे मातरम’ के नारों और जश्न से झूम उठा। हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि अरे वाह, मजा आ गया! आज देखिए चंद्रमा हमारे और भी करीब आ गया है। ये बहुत खुशी की बात है। चंद्रमा पर सफलतापूर्वक उतरने के बाद चंद्रयान-3 चंद्रमा की सतह पर भारत की उपस्थिति को दर्शा रहा है। इस महान अवसर पर मैं इसरो और वैज्ञानिकों के प्रति आभार व्यक्त करता हूं क्योंकि उनके कौशल, साहस और प्रतिभा के कारण हमें यह उपलब्धि मिली है। चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि चंद्रयान-3 की सफल सॉफ्ट लैंडिंग नए भारत की सामर्थ्य और शक्ति का सशक्त प्रदर्शन है। प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व और मार्गदर्शन में इसरो के वैज्ञानिकों ने वह कर दिखाया जो कोई नहीं कर सका। चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुव अब तक दुनिया के लिए असंभव था, लेकिन हमारे दूरदर्शी वैज्ञानिकों ने इसे संभव कर दिखाया है। वसुधैव कुटुम्बकम् की पवित्र भावना के साथ मैं इसरो के सभी वैज्ञानिकों को इस सफलता के लिए बधाई और देशवासियों को शुभकामनाएं देता हूं। पूर्व इसरो प्रमुख के सिवन ने इसरो के तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-3 की चंद्रमा पर सफल लैंडिंग पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि हम वास्तव में उत्साहित हैं…हम लंबे समय से इस पल का इंतजार कर रहे थे। मैं बहुत खुश हूं। चंद्रयान-3 के चंद्रमा पर उतरने पर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि जहां दुनिया चांद के बारे में कल्पना करती है, हमने वास्तव में चांद को महसूस किया है…दुनिया चांद के सपने देखती है, और हमने सपने को हकीकत में बदलते देखा है…आसमान कोई सीमा नहीं है। इसरो ने चंद्रयान-3 मिशन की सफलतापूर्व सॉफ्ट लैंडिंग की जानकारी सोशल मीडिया पर कुछ खास अंदाज में शेयर की। इसरो ने लिखा, ‘ भारत, मैं अपनी मंजिल पर पहुंच गया और तुम्हें भी!: चंद्रयान-3. चंद्रयान-3 सफल रहा। चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग; बधाई हो, भारत! प्रधानमंत्री ने कहा, ”मेरे प्यारे परिवारजनो! जब हम अपनी आंखों के सामने ऐसा इतिहास बनते हुए देखते हैं तो गर्व होता है। ऐसी ऐतिहासिक घटनाएं राष्ट्र जीवन की चेतना बन जाती हैं। यह पल अविस्मरणीय है। यह क्षण अभूतपूर्व है। यह क्षण विकसित भारत के शंखनाद का है। यह क्षण नए भारत के जयघोष का है। यह क्षण मुश्किलों के महासागर को पार करने का है। यह क्षण जीत के चंद्रपथ पर चलने का है। यह क्षण 140 करोड़ धड़कनों के सामर्थ्य का है। यह क्षण भारत की नई ऊर्जा, नई चेतना का है। यह क्षण भारत के उदीयमान भाग्य के आह्वान का है। अमृतकाल की प्रथम प्रभा में सफलता की अमृत वर्षा हुई है। हमने धरती पर संकल्प लिया और चांद पर उसे साकार किया।” उन्होंने कहा, ”आज हम अंतरिक्ष में नए भारत की नई उड़ान के साक्षी बने हैं। हर घर में उत्सव शुरू हो गया है। हृदय से मैं भी अपने देशवासियों के साथ अपने परिवारजनों के साथ इस उमंग और उल्लास से जुड़ा हुआ हूं। मैं टीम चंद्रयान को, इसरो को और देश के सभी वैज्ञानिकों को जी-जान से बहुत-बहुत बधाई देता हूं। जिन्होंने इस क्षण के लिए वर्षों से इतना परिश्रम किया। हमारे वैज्ञानिकों के परिश्रम से भारत उस दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचा है, जहां आज तक दुनिया का कोई भी देश नहीं पहुंच सका है। आज के बाद से चांद से जुड़े मिथक बदल जाएंगे, कथानक भी बदल जाएंगे और नई पीढ़ी के लिए कहावतें भी बदल जाएंगी। भारत में तो हम सभी लोग धरती को मां कहते हैं और चांद को मामा बुलाते हैं। कभी कहा जाता था कि चंदा मामा बहुत दूर के हैं, अब एक दिन वो भी आएगा, जब बच्चे कहा करेंगे कि चंदा मामा बस एक टूर के हैं।” चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग सफल हो गई है। दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला भारत पहला देश बन गया है। इसी के साथ भारत ने इतिहास रच दिया है। चांद की सतह से 50 मीटर से कम दूरी पर चंद्रयान-3। किसी भी वक्त लैंड कर सकता है। चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल विक्रम ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग स्थल की ओर उतरना शुरू कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जोहान्सबर्ग से वर्चुअली जुड़ गए हैं। जानकारी के मुताबिक, लैंडर मॉड्यूल चांद की सतह से सिर्फ दो किलोमीटर की दूरी पर है। चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम ने चंद्रमा की सतह की तस्वीरें साझा कीं। इसरो का कहना है कि चंद्रयान-3 लैंडर मॉड्यूल चंद्रमा की सतह से 17.8 किमी की ऊंचाई पर है। ISRO ने बताया कि चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम का पावर डिसेंट चरण शुरू हो गया है। लैंडिंग की आधी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। जानकारी के मुताबिक, स्वचालित लैंडिंग अनुक्रम (एएलएस) शुरू होने के बाद चंद्रयान -3 लैंडर विक्रम की ऊंचाई कम हो रही है और पावर डिसेंट चरण जारी है। एएलएस की शुरुआत के बाद लैंडर मॉड्यूल में कोई जमीनी हस्तक्षेप नहीं है। चंद्रयान-3 की लैंडिंग थोड़ी देर में हांगी। पावर डिसेंट शुरू हो गया है। अब मिशन की रफ्तार को कम किया जा रहा है। पहले चरण की प्रक्रिया 11 मिनट की है। लैंडिंग की 20 फीसदी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। इसरो प्रमुख एस सोमनाथ चंद्रमा पर चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग देखने के लिए बेंगलुरु के मिशन कंट्रोल कॉम्प्लेक्स में मौजूद हैं। चंद्रयान-3 का लैंडर विक्रम आज चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा। बेंगलुरु में इसरो के मिशन कंट्रोल कॉम्प्लेक्स के दृश्य। बेंगलुरु में इसरो के मिशन कंट्रोल कॉम्प्लेक्स से चंद्रयान 3 मिशन की लैंडिंग इवेंट के दृश्य। चंद्रमा पर विक्रम लैंडर की लैंडिंग देखने के लिए दिल्ली में CSIR मुख्यालय में केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह मौजूद हैं।