चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग
नई दिल्ली। चंद्रयान-3 के चंद्रमा पर उतरने के साथ ही दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय के बाहर जश्न मनाया गया। कार्यकर्ताओं ने पटाखे फोड़कर डांस किया। जालौन जिले से भी दो वैज्ञानिक चंद्रयान 3 मिशन की टीम का हिस्सा हैं, दोनों का नाम अतुल निगोतिया और अंकुर त्रिगुनायत है। अतुल निगोतिया ने 1995 में झांसी रोड स्थित सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज से हाईस्कूल पास किया है। साथ ही अंकुर त्रिगुनायक ने वर्ष 1996 में सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज उरई से हाईस्कूल पास किया। मिर्जापुर के आलोक पांडेय की चंद्रयान 3 की लैंडिंग में विशेष भूमिका में हैं। चंद्रयान की लैंडिंग और कंट्रोलिंग की जिम्मेदारी आलोक के पास होगी। उन्हें चंद्रयान की चांद पर लैंडिंग और कम्यूनिकेशन की जिम्मेदारी सौंपी गई है। फतेहपुर जिले के रहने वाले सुमित कुमार चंद्रयान 3 में लगे कैमरे को वैज्ञानिक हैं। 2008 से इसरो अहमदाबाद केंद्र में कार्यरत सुमित ने टीम के साथ मिलकर अत्याधुनिक कैमरा डिजाइन किया, जिसे चंद्रयान के लैंडर और रोवर में लगाया गया है। उन्नाव के रहने वाले आशीष मिश्रा चंद्रयान 3 के लॉन्चिंग से लेकर लैंडर प्रोपल्शन सिस्टम के वैज्ञानिक हैं। आशीष की पीएसएलवी, जीएसएलवी और एलवीएम 3 में भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। गाजीपुर के रेवतीपुर के रहने वाले कमलेश शर्मा भी चंद्रयान 3 मिशन की टेक्निकल टीम का हिस्सा हैं। उन्होंने जिले से ही विज्ञान संकाय से इंटरमीडिएट की पढ़ाई की। लखनऊ विश्वविद्यालय से स्नातक और बाद में गणित विषय से परास्नातक की डिग्री हासिल की। नेट और गेट की परीक्षा सफलता से पास होने के बाद वह 2010 में इसरो के सात मैथमेटिक्स एक्सपर्ट के तौर पर जुड़े। चंद्रयान-3 का लैंडर की सफल लैंडिंग उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के लिए भी खास है, क्योंकि भारत की ‘रॉकेट वूमन’ के नाम से मशहूर लखनऊ की बेटी डॉ. रितु कारिधाल के इशारे पर चंद्रयान-3 श्रीहरिकोटा से अंतरिक्ष के लिए रवाना हुआ था। इसरो ने जानकारी दी है कि चंद्रयान-3 की लैंडिंग की जिम्मेदारी इस बार वरिष्ठ महिला वैज्ञानिक डॉ. रितु को सौंपी गई है और वह चंद्रयान-3 की मिशन डायरेक्टर हैं। अभियान के प्रोजेक्ट डायरेक्टर पी. वीरा मुथुवेल हैं। इसके पहले डॉ. रितु मंगलयान की डिप्टी ऑपरेशन डायरेक्टर और चंद्रयान-2 में मिशन डायरेक्टर रह चुकी हैं। अंतरिक्ष जगत में भारत आज इतिहास रचने जा रहा है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का मिशन चंद्रयान-3 आज शाम चंद्रमा की सतह पर ‘साफ्ट लैंडिंग’ करेगा। वेस्ट यूपी में खासा उत्साह इसलिए भी है कि मुजफ्फरनगर का बेटा और एक बेटी भी इस मिशन का हिस्सा हैं। चंद्रयान-3 के निर्माण में एचएएल, पारस डिफेंस एंड स्पेस टेक्नोलॉजीज और वालचंदनगर इंडस्ट्रीज का भी योगदान रहा है। इन कंपनियों के शेयर बुधवार के कारोबारी सेशन के दौरान क्रमशः 4,015.00 रुपये, 720.35 रुपये और 103.50 रुपये प्रति शेयर के भाव पर कारोबार करते दिखे। सेंटम इलेक्ट्रॉनिक्स ने चंद्रयान-3 मिशन में अंतरिक्ष अनुप्रयोगों (Space Applications) के लिए इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम का डिजाइन तैयार किया है और इसका उत्पादन किया है। बुधवार को बीएसई पर सेंटम इलेक्ट्रॉनिक्स के शेयर 8.43 प्रतिशत की बढ़त के साथ 1,553 रुपये पर कारोबार करता दिखा। कंपनी ने प्रक्षेपण यान के लिए महत्वपूर्ण सामग्रियों की आपूर्ति की। खबर लिखे जाने तक मिश्र धातु निगम लिमिटेड का शेयर बीएसई पर 3.15 प्रतिशत की बढ़त के साथ 408.2 रुपये प्रति शेयर के भाव पर कारोबार करता दिखा। बुधवार के कारोबार में इस कंपनी के शेयर भी 52 सप्ताह के उच्चतम स्तर 414.7 रुपये प्रति शेयर के भाव पर पहुंचे। कंपनी ने इसरो को चंद्रयान 3 लॉन्च वाहन के लिए इंजन और बूस्टर पंप प्रदान किए हैं। बंबई शेयर बाजार में एमटीएआर टेक्नोलाजीज के शेयर बुधवार को 3.6 प्रतिशत की बढ़त के साथ 2,195.1 रुपये पर कारोबार करते दिख रहे हैं। बंबई शेयर बाजार में कारोबार के दौरान कंपनी के शेयर 2,208.95 रुपये के उच्चतम स्तर तक पहुंचे। चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग से पहले इस मिशन से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े कुछ शेयरों पर निवेशकों की नजर बनी रही। चंद्रयान-3 मिशन में अपना योगदान देने वाले कई शेयरों के भाव बुधवार के कारोबारी सोशन के दौरान अपने 52 हफ्तों के उच्चतम स्तर पर भी पहुंचे। आइए डालते हैं इन शेयरों पर एक नजर। सिविल कंस्ट्रक्शन कंपनी एलएंडटी ने चंद्रयान-3 के लिए हेड एंड सेगमेंट, मिडिल सेगमेंट और नोजल बकेट फ्लैंज जैसे महत्वपूर्ण बूस्टर सेगमेंट का निर्माण किया है। चंद्रयान-3 मिशन की खबरों के बीच बीएसई पर एलएंडटी का शेयर 0.98 प्रतिशत की बढ़त के साथ 2,706 रुपये के भाव पर कारोबार करता दिखा। बुधवार के कारोबार में यह शेयर 52 सप्ताह के उच्चतम स्तर 2,725.75 रुपये प्रति शेयर पर पहुंच गया। भेल (BHEL) ने चंद्रयान-3 मिशन के लिए लैंडर मॉड्यूल और प्रणोदन (Propulsion) मॉड्यूल के लिए बैटरी का निर्माण किया। बीएसई में भेल का शेयर 1.8 प्रतिशत की गिरावट के साथ 109.05 रुपये पर कारोबार कर रहा था। शुरुआती कारोबार में कंपनी का शेयर 113.35 रुपये पर 52 सप्ताह के उच्च स्तर को छू गया था, हालांकि आगे चलकर इसमें बिकवाली दिखी। पूरा देश चंद्रयान-3 की चांद पर सफल लैंडिंग की मनोकामना कर रहा है। हर वर्ग के लोग अपने-अपने तरीके से पूजा-पाठ कर रहे हैं। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का मिशन चंद्रयान-3 आज शाम चंद्रमा की सतह पर साफ्ट लैंडिंग करेगा। इसके लिए मुरादाबाद के तीन परिवारों के साथ शहर भर के लोगों में खासा उत्साह। इसका कारण शहर के तीन वैज्ञानिकों का इसमें अहम योगदान है। इसरो में कार्यरत मुरादाबाद निवासी अनीश सक्सेना चंद्रयान मिशन 1 से लेकर अब तक जुड़े हैं। उनके बनाए गए हाई रिजोल्यूशन कैमरों से चांद की आभा को निहार रहे हैं। उन्होंने चंद्रयान टू में लैंडर गिरने के बारे में सटीक जानकारी टीम को उपलब्ध करवाई थी। दूसरे वैज्ञानिक मेघ भटनागर हैं। वह चंद्रयान के महत्वपूर्ण हिस्सा ऑनबोर्ड सॉफ्टवेयर के क्वालिटी कंट्रोलिंग का जिम्मा संभाल रहे हैं। तीसरे वैज्ञानिक रजत प्रताप सिंह भी रॉकेट की कंट्रोलिंग करने वाली टीम में अपना योगदान दे रहे हैं। उत्तर प्रदेस के झांसी जिले में चंद्रयान-3 की सफल लेंडिंग से पहले झांसी में हवन और पूजा पाठ हुआ। मिशन की कामयाबी के लिए लोगों ने विशेष पूजा-अर्चना की।