कानपुर। उरई में अतिरिक्त दहेज न मिलने पर 17 वर्ष पहले चाचा के साथ मिलकर पति ने पत्नी की सरिया मारकर हत्या कर दी थी। मामले में आरोपी पति और चाचा को पुलिस ने बुधवार को गिरफ्तार कर लिया। घटना का खुलासा करते हुए एसपी डॉ. ईरज राजा ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सोमवार को शहर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला बंबी रोड राजेंद्र नगर निवासी विष्णु सैन ने उन्हें तहरीर दी थी। इसमें बताया था कि उसकी बहन मंजू का विवाह वर्ष 2005 में इंद्रा नगर निवासी संतोष के साथ हुआ था। विवाह के बाद से वह और उसके परिजन बहन को दहेज के लिए परेशान कर रहे थे। वर्ष 2006 से उसका कोई पता नहीं है, जिस पर उन्होंने जांच सीओ सिटी को दी थी। जांच के बाद कोतवाली पुलिस ने इंद्रा नगर निवासी पति संतोष और चाचा रामहेत को कानपुर देहात के भोगनीपुर थाना क्षेत्र के माचा गांव से पकड़ लिया। आरोपियों ने पुलिस की पूछताछ में खुलासा किया। आरोपियों ने बताया कि 15 वर्ष की उम्र में उसकी शादी डकोर थाना क्षेत्र के गोरन टिमरों गांव निवासी रमा के साथ हुई थी, लेकिन एक वर्ष बाद वह उसे छोड़कर चली गई थी। इस पर 2005 में मंजू के साथ उसका दूसरा विवाह हुआ। उसने बताया कि दहेज की मांग पूरी न होने पर उसने अपने चाचा रामहेत के साथ योजना बनाई। वह उसे घुमाने के बहाने चित्रकूट ले गए, लेकिन वहां उसकी हत्या करने में सफल नहीं हुए। लौटते समय उसने कालपी में लगे तंबू का सरिया उखाड़कर 31 दिसंबर 2006 को मंजू के सिर हमला कर उसे मार दिया था। चाचा रामहेत के साथ मिलकर शव को कब्रिस्तान के पास फेंककर भाग गए थे। चाचा के कहने पर सरिया को अपने घर में छिपा दिया था। उस समय मंजू की लाश मिलने पर पुलिस ने उसके शव की शिनाख्त कराने का प्रयास किया था, लेकिन उसका कोई पता नहीं चल सका था। इससे दोनों आरोपियों को यकीन हो गया था, कि पुलिस उन्हें नहीं पकड़ पाएगी। आरोपी संतोष ने बताया कि मंजू की हत्या के बाद वह आराम से उरई में ही रह रहा था, लेकिन मंजू के परिजन उसके पीछे पड़ गए। इससे वह कानपुर देहात के माचा गांव में पिछले 15 वर्ष से किराए के मकान में रह रहा था। आरोपी ने बताया कि उसने तीसरी शादी कर ली है। पत्नी माचा गांव में है। आरोपी संतोष ने घटना के 17 वर्ष बीत जाने के बाद भी इसकी जानकारी किसी को नहीं होने दी, लेकिन उसने अपने मोहल्ले के ही मथुरा प्रसाद कुशवाहा से हत्या करने की बात कबूली। इस पर पुलिस को उसकी रिकॉर्डिंग भी म