मुजरिया के 20 से अधिक गांव में डेंगू का कहर,करीब सौ लोग चपेट में

मुजरिया। स्वास्थ्य विभाग की घोर लापरवाही के चलते क्षेत्र के 2 दर्जन से अधिक गांव में डेंगू मच्छर की अधिकता होने के कारण डेंगू मच्छर के काटने से ढंग से लगभग 6 दर्जन से अधिक ग्रामीण जनता चपेट में आकर प्राइवेट झोलाछाप डॉक्टरों के यहां उसके बाद मेडिकल कॉलेज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर दवा खाने को मजबूर हैं मौत और जिंदगी से जूझ रहे हैं लेकिन स्वास्थ्य विभाग के किसी अधिकारी ने आज तक किसी गांव में अपनी टीम भिजवा उचित नहीं समझा डेंगू मच्छरों से बचाव हेतु किसी प्रकार का कोई उपाय नहीं किया है देखा गया है की इस क्षेत्र में 3 ब्लाकों के गांव आते हैं जिसमें ब्लॉक सहसवान ब्लॉक उझानी ब्लाक अंबियापुर यहां के इंचार्ज मेडिकल ऑफिसर पूरी तरह से अनदेखा किया हुआ है जबकि प्रत्येक न्याय पंचायत स्तर पर एएनएम सेंटरों की स्थापना के बाद वहां पर एएनएम द्वारा संचालित प्रस्ताव केंद्रों द्वारा तथा गांवों में टीकाकरण 0 से 5 साल के बच्चों तथा गर्भवती महिलाओं में टीकाकरण को बढ़ावा देने के अलावा डेंगू मच्छर के डंक के निजात कराने हेतु जनहित में कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है ऐसा प्रतीत होता है क्षेत्र में जनता द्वारा चुनकर भेजे गए जनप्रतिनिधियों का भी रुझान इस ओर से हट चुका है इतना ही नहीं ब्लॉक सहसवान के गांव कोल्हा ई सेमरा वन बीरपुर दरियापुर मुड़सन सिरकी खेड़ा मुरसान समसपुर बल्लू रामपुरा ै एनुद्दीन लहरा आदुल्लापुर ज्वालापुर अलीगंज विचोला मुजरिया गांव मटकुली रानीपुर साग्राय और नसीरपुर तथा ब्लॉक उझानी के गांव पार वाला सिकंदराबाद बितरोई अरनिया अंडाआ नगला सहित अंबियापुर ब्लाक के गांव बहेडिया बसावन पुर तिगोड़ा सब्दलपुर भीकमपुर हरदो पट्टी और मुस्तफाबाद सहित कई गांव में डेंगू के डंक का असर फैला हुआ है जबकि पार वाला निवासी ओमपाल होमगार्ड तथा उसकी पत्नी तारावती लड़की लक्ष्मी देवी सहित 15 लोग अस्पताल में डेंगू के डंक का जहर उतरवाने को मेडिकल अस्पताल में लगातार भर्ती हैं जबकि भा जा पा सरकार मैं केंद्रीय सहकारिता केंद्रीय मंत्री के पद पर तैनात बीएल वर्मा के मूल गांव की स्थिति का जायजा है कि स्वास्थ्य विभाग पर किसी प्रकार का कोई अंकुश नहीं है और ना ही उस गांव में कोई टीम जाती है तो अन्य गांव का पूरे क्षेत्र का क्या हाल होगाआपको डेंगू के डंक का खतरा बढ़ता चला जा रहा है जो मौत और जिंदगी के खेल से जूझ रहे हैं