ए0पी0एस0 इनटरनेशल स्कूल में कक्षा 12 के छात्रों को विदाई दी

उझानी। ए0पी0एस0 इनटरनेशनल स्कूल में कक्षा 12 के विद्यार्थियों को भव्य भाव-मीनी विदाई गई। यह कार्यक्रम स्कूल के ब्लॉक बी में आयोजित हुआ, जिसे बहुत ही सुन्दर ढंग से सुसज्जित किया गया । रंग-बिरंगे परिधान पहने विद्यार्थी इस शोभा में चार-चाँद लगा रहे थे। कार्यक्रम स्थल पर प्रवेश के समय कक्षा 12 के छात्रों का स्वागत कक्षा 11 के छात्रों के द्वारा बुकेट देकर किया गया। अध्यापकों ने आर्शीवाद स्वरूप उन्हे तिलक लगाया। कार्यक्रम का प्रारम्भ माँ सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्जवलन के साथ हुआ। दीप प्रज्जल विद्यालय के निदेशक निलांशु अग्रवाल चेयरपर्सन पूनम अग्रवाल, प्रधानाचार्य रविन्द्र भट्ट उप प्रधानाचार्या मीनाक्षी शर्मा तथा शैक्षिणक प्रमुख वाई0के0 सिंह ने किया। कार्यक्रम की पूजा उषा खरे मैडम द्वारा कराई गई। कार्यक्रम का प्रारम्भ अभिनय भारद्वाज सर द्वारा निर्देशित नृत्य साथ हुआ। इसके पश्चात माला मैडम द्वारा निर्देशित मैडले सॉग किया गया। इसकी सभी ने सराहना की। इसके पश्चात ‘वन मिनट क्वश्चन गेम‘ तनिष्का आहूजा की देखरेख में हुआ। इसमे विजयी छात्र-छात्राओं को प्रधानाचार्य , उपप्रधानाचार्या व शैक्षणिक प्रमुख ने पुरस्कार प्रदान किये।
कक्षा 12 की छात्र-छात्रा ने ‘रैम्पवॉक‘ प्रस्तुत किया गया। इसमे मिस्टर और मिस फेयरवल को चुना गया। मिस्टर फेयरवल विनायक राधाकृष्णन् को चुना गया तथा मिस फेयरवल कु0 स्तिुति अग्रवाल को चुना गया। इन दोनो को क्राउन तथा पटिटका चेयरपर्सन पूनम अग्रवाल द्वारा पहनायी गयी। विवके सिंह सर के नेतृत्व मेे एक नृत्य ‘कोई कहे कहता रहे‘ प्रस्तुत किया गया। माला मैडम द्वारा एक ‘मोटिवेशनल सॉग प्रस्तुत किया गया। प्रिया मैडम द्वारा एक अग्रेेेंजी की कविता का वाचन किया गया। इस अवसर पर प्रधानाचार्य ने कक्षा 11 के छात्रों द्वारा की गई तैयारियों की सराहना की । विद्यालय प्रबंध तंत्र , प्रधानाचार्य, उपप्रधानाचार्या ,शैक्षणिक प्रमुख तथा समस्त शिक्षकों ने उन्हे आर्शीवाद दिया। तथा परीक्षा में श्रेष्ठ प्रदर्शन की कामना की । विद्यालय के निदेशक निलांशु अग्रवाल ने छात्रों को सलाह दी िकवे जीवन मे आगे बढने के साथ-साथ अपने कर्तव्यों का ध्यान रखें। आपने उन्हें मुसीबतो से न डर कर उन्हे सामना करने की सीख दी। उन्होने संस्कृत के श्लोक के माध्यम से विद्यार्थी के पाँच लक्षणों की विस्तृत व्याख्या प्रस्तुत की। तथा उन गुणों को आत्मसात की बात कही। उन्होने महापुरूषों के जीवन से प्रेरणा लेने की बात कही। प्र्र्र्र्र्र्र्रधानाचार्य ने उन्हे तनाव मुक्त होकर परीक्षा देने को कहा तथा उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।
इस अवसर पर जलपान की व्यवस्था भी थी।
