कुतुबखाना पुल के विरोध में नोटा का पटाखा भी हुआ फुस्स निर्भय सक्सेना
बरेली। बरेली में विधानसभा 2022 के चुनाव के परिणाम ने दिखा दिया की आम नागरिक जाति धर्म से ऊपर उठकर विकास कार्य को ही अब अधिक महत्व दे रहे है। बरेली शहर में तीसरी बार बीजेपी के डॉ. अरुण कुमार ने 30 हजार मतों से जीत दर्ज कराई। यही कारण रहा की कुतुबखाना पुल का विरोध करने कथित मुट्ठी भर लोगो ने समाचार पत्रों में आधा आधा पेज के विज्ञापन देकर चुनाव में नोटा का बटन दबाकर बीजेपी को हराने तक की अपील कर डाली। चुनाव में बरेली शहर सीट पर नोटा में मात्र 1167 लोगो ने ही गुमराह होकर नोटा का बटन दबाया। बरेली शहर में कुतुबखाना पुल की बाई शेप वाली मांग काफी पुरानी है। कुतुबखाना के साथ ही डेलापीर एवम किला क्रासिंग पर वाई शेप का एक नया पुल बनाना आज की जरूरत भी है। साथ ही स्मार्ट सिटी में कुतुबखाना सब्जी मंडी, श्यामगंज सब्जी मंडी, किला, तहसील परिसर में वाहन पार्किंग की नितांत जरूरत भी है। स्मार्ट सिटी बरेली में अब तक जनहित का कोई कार्य धरातल पर नही उतरा है। अब उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव में एक बार फिर योगी आदित्य नाथ की विकास कार्य वाली सरकार बनाने को जनादेश मिल चुका है। बरेली में तीसरी बार बीजेपी के विधायक बने डॉ. अरुण कुमार को इस बार मंत्री मंडल में स्थान मिलना तय ही माना जा रहा है। स्मरण रहे बरेली स्मार्ट सिटी घोषित हुए कई वर्ष बीत गए पर बरेली में हाल यह है कि अधिकतर आला प्रशानिक एवम पुलिस अधिकरियों ने पिछले बार जनप्रतिनिधियों की बात कम ही सुनी थी। ऐसा उनका आरोप था । इसका दर्द पूर्व केंद्रीय मंत्री संतोष कुमार गंगवार भी व्यक्त कर चुके हैं। हाल यह कि बरेली मंडल में आज ही में हुए विधानसभा चुनाव 2022 में भी भाजपा में देश प्रदेश के सत्ताशीर्ष की प्रथम द्वितीय लाइन तो छोड़ उसके अगली लाइन में भी किसी पुराने भाजपा नेता को स्थान नहीं मिल सका था जबकि बरेली जिले के सभी सांसद, 9 विधायक, एम एल सी, जिला पंचायत अध्यक्ष, मेयर तक कि सीट जनता ने बीजेपी की वर्तमान सीट भाजपा को दीं थी जबकि 2022 के विधान सभा चुनाव में बीजेपी को बरेली में सात सीटें इस बार मिल गईं।भाजपा से 8 बार के सांसद संतोष कुमार गंगवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल से हटा के अब संसद की फाइनेंशियल कमेटी का चैयरमेन, राजेश अग्रवाल को उत्तर प्रदेश मंत्री मंडल से हटाकर बीजेपी का राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष पद पर सरका दिया गया। और कुछ ऐसे कनिष्ठ नेताओ को जातिवाद के नाम पर उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल में स्थान मिला जिनकी जनता में पकड़ तो दूर वह अधिकारियों तक से मुद्दे की बात करने में भी संकोच करते रहे। यही कारण रहा की प्रदेश सरकार में मंत्री पद रहते 2022 विधान सभा चुनाव में बीजेपी की बहेड़ी सीट पर हार हुई। बरेली में स्मार्ट सिटी के काम तो अभी धरातल तक पर नहीं आये हैं। स्मार्ट सिटी का दर्जा पाया बरेली शहर आज भी बदहाल गड्ढादार सड़कों, चोक नाले नालियो, हर सड़क चोराहे पर जाम, कुतुबखाना उपरिगामी पुल एवम हवा हवाई कूड़ा निस्तारण प्लांट की योजना वाली घोषणाओ के प्रोजेक्ट बनने का ही अभी इंतजार कर रहा है। शहर में कोई भी वाहन पार्किंग की जगह अभी तक चिन्हित नहीं होने से जिला अधिकारी कार्यालय, कचहरी, जेल रोड, कुतुबखाना, कोहाड़ापीर, सिविल लाइन, श्यामगंज, किला, बड़ा बाजार आदि में भयंकर जाम जैसी स्थिति दिन भर बनी रहती है। स्मार्ट सिटी में अभी वहां पार्किंग की कोई जगह या योजना भी नही बनी है। साफ पेयजल को भी जनता परेशान है।