बदायूं। आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती गिन्दो देवी महिला महाविद्यालय की ओर से मनाया गया। प्राचार्या डॉ. वंदना शर्मा के निर्देशन में जयंती का शुभारंभ नेता जी की फोटो पर माल्यार्पण से हुआ ।इस अवसर पर उन्होंने बताया कि जब इनकी मृत्यु हुयी तो ये केवल 48 वर्ष के थे। वो एक महान भारतीय राष्ट्रवादी नेता थे, जिन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारत की आजादी के लिये द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान बड़ी हिम्मत से लड़ाई की। राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी डॉ. इति अधिकारी ने बताया कि स्वतंत्रता सेनानी के रूप में माने जाने वाले सुभाष चंद्र बोस जिनको इतिहास का बहादुर स्वतंत्रता सेनानी या बहादुर नेता के रूप में आज भी याद किया जाता है। भारत के इतिहास में स्वतंत्रता की संगत में सबसे महत्वपूर्ण योगदान सुभाष चंद्र बोस का रहा, जिसको भुलाया नहीं जा सकता। राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी डॉ अनीता सिंह ने बताया कि 16 अगस्त 1945 को टोक्यो के लिए निकलने पर ताइहोकु हवाई अड्डे पर नेताजी का विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया और स्वतंत्र भारत की अमरता का जयघोष करने वाला, भारत मां का दुलारा सदा के लिए, राष्ट्रप्रेम की दिव्य ज्योति लोगों के मन में प्रज्वलित कर दी।इस अवसर पर उपस्थित रहीं डॉ .उमा सिंह गौर ने ऑनलाइन पोस्टर निबंध एवं स्लोगन प्रतियोगिता में अंबिका देवी बी.ए. प्रथम वर्ष की छात्रा को प्रथम स्थान ,अंशिका को द्वितीय स्थान तथा प्रियांशी को तृतीय स्थान घोषित किया।इसके अलावा इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले अन्य प्रतिभागी शिवानी, शिकांक्षी,रति आदि छात्राएं उपस्थित थीं । इस अवसर पर महाविद्यालय परिवार की अन्य सभी शिक्षिकाएं उपस्थित रहीं।