बरेली। ख़ानकाहे नियाज़िया में हजरत शाह नियाज़ साहब के तीसरे जाँ नशीन हजरत इमामुस्सालेकीन उर्फ अज़ीज मियां के साहबज़ादे हजरत आबिद मियाँ का 23 वाँ उर्स अपनी तक़रीबात से मुकम्मल हुआ। बाद नमाजे़ फज्ऱ ख़ानकाही मदरसे में कुरआन ख्वानी हुई बाद उसके मिलादुननबी स0अ0 पढ़ी गई। बाद नमाजे़ अस्र ख़ानकाहे नियाज़िया में महफिल-ए-सिमा का आयोजन सज्जादानशीन हज़रत शाह मेहदी मियाँ नियाज़ी सरकार की सरपरस्ती मेें हुआ और कुल की रस्म अदा की गई। कुल के बाद मुल्क व कौम की तरक्की, अमन और भाईचारे की दुआ की गई। बाद नमाजे मग़रिब मज़ार शरीफ पर चादर पेश की गईं। हज़रत आबिद मियाँ अपने वक्त के आलिम-ए-दीन होने के साथ-साथ सूफी शायर थे। आपके कलाम उर्दू, अरबी, फारसी कई जुबानों में हैं। आपके मुरीदीन लाखों की तादाद में हिन्दुस्तान और हिन्दुस्तान के बाहर हैं। उर्स में शिरकत करने वालों में साहबजादगान के साथ-साथ मुरीदीन और अक़ीदतमन्द ने भी शिरकत की। बाद कुल के तबर्रूक तक़सीम किया गया। जिसमें मुख्य रूप से डाॅ कमाल मियां नियाज़ी, ज़ाहिद मियां नियाज़ी, अब्बास मियां नियाज़ी, कासिम मियां नियाज़ी, राज़ी मियां नियाज़ी, जुनैदी मियां नियाज़ी , अस्करी मियां नियाज़ी, जामी मियां नियाज़ी, हम्ज़ा मियां नियाज़ी, क़ायम मियां नियाज़ी आदि बड़ी तादाद में लोग मौजूद रहे।