बदायूं। पूर्व मंत्री आबिद रज़ा ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर समेरमई निवासी मृतक शाकिर की मृत्यु की मजिस्ट्रेट जांच कराने व मृतक के परिजनों को 25 लाख रु0 मुआवजा सरकार से दिलाने के लिए लिखा पत्र। पूर्व मंत्री आबिद रज़ा ने जिलाधिकारी से फोन पर भी की वार्ता। आपको अवगत कराना है कि शाकिर पुत्र मोहम्मद अली ग्राम व्योर मजरा सेमरमई धाना बिनावर का निवासी था।. गरीब किसान था। 15 सितम्बर की रात को थाना बिनावर की पुलिस द्वारा सेमरमई गांव में दबिश दी गयी। शाकिर को गांव वालों ने कहा पुलिस तुम्हें पकड़ने आ रही है, इसलिए शाकिर बिना सोचे समझे पुलिस के भय से भागा, आगे जा कर शाकिर खेत में गिर गया, जिस कारण शाकिर की मृत्यु हो गयीं। गांव वालों का कहना है कि पुलिस के डंडा लगने से शाकिर खेत में गिर गया लेकिन यह जांच का विषय है। लेकिन यह सच है कि शाकिर के खिलाफ पुलिस में ना कोई शिकायत थी और ना ही शाकिर का कोई अपराधिक इतिहास है, लेकिन पुलिस की दबिश के कारण परिस्थितिवश शाकिर की मृत्यु हो गयी। आम जनता में पुलिस के विश्वास से ज्यादा पुलिस का भय व्याप्त होना चिता का विषय है तथा बेहद निंदनीय है। आपको यह भी बताना चाहूंगा कि मृतक शाकिर एक गरीब किसान है तथा अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए इकलौता शाकिर ही था. उनके परिवार में तीन बच्चे हैं। अब शाकिर के परिवार में कमाने वाला कोई नहीं बचा। आप जिले के जिलाधिकारी है, गरीब, किसान व जिले की जनता आपसे उम्मीद करती है कि आप उसके साथ इंसाफ करेंगें। अतः आपसे अनुरोध है कि आप उपरोक्त प्रकरण की मजिस्ट्रेट जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने का कष्ट करें तथा मृतक शाकिर के परिवार को 26 लाख की आर्थिक सहायता के लिए शासन से संस्तुति करने की कृपा करें, ताकि मृतक शाकिर के बच्चों का पालन-पोषण हो सके।