सम्भल। थाना नक्शा क्षेत्र के हिसामपुर में झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार है। जिसके चलते गंगा एक्सप्रेसवे पर काम कर रहे मजदूर की डॉ एक सैनी के अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई यह हॉस्पिटल ढूंढा नीम चौराहा पर स्थित है। वीरेंद्र उम्र 40 वर्ष पुत्र मोकम निवासी रायपुर थाना कैला देवी का रहने वाला है। अपने परिवार का पालन पोषण करने के लिए गंगावे एक्सप्रेस पर मेहनत मजदूरी करके अपने परिवार का पालन पोषण करता है। इसके एक बेटी करीबन चार वर्ष और एक बेटा 6 वर्ष का है। कुछ दिनों से यह गंगाबै एक्सप्रेस पर मजदूरी करता है। आज अचानक वीरेंद्र की तबीयत खराब हुई तो वह पास के ही हॉस्पिटल अवनीश कुमार सैनी के यहां दवाई लेने के लिए आया और डॉक्टर ने इसका ट्रीटमेंट करना शुरू कर दिया लेकिन कुछ घंटे के बाद इसकी उपचार के दौरान अस्पताल में ही मृत्यु हो गई मृत्यु की सूचना जैसे ही परिजनों तक पहुंची तो परिजनों के मौत की सूचना सुनकर होश उड़ गए वीरेंद्र की मौत से पूरे गांव में कोरमा छा गया झोलाछाप डॉक्टर को लेकर स्वास्थ्य विभाग की तरफ से अभियान चलाया जा रहा है। लेकिन फिर भी झोलाछाप डॉक्टर अपनी क्लिनिक वह हॉस्पिटल खोलने से बाज नहीं आ रहे इसे झोलाछाप डॉक्टर की मनमानी कहे या फिर स्वास्थ्य विभाग की मेहरबानी कहा जाए संभल डीएम के द्वारा भी इन्हें बंद करने के लिए कड़ी निर्देश दिए गए थे लेकिन फिर भी इनके खिलाफ कोई उचित कार्रवाई नहीं की गई झोलाछाप डॉक्टरों की मनमानी से आए दिन केस बिगड़ते जा रहे हैं। सूत्रों की मान्य तो इससे पहले भी इस अस्पताल में मरीजों की नाजुक हालत हो चुकी है। डॉक्टर के खिलाफ तहरीर देकर भी अवगत करा चुके हैं। अब देखने वाली बात यह है कि इस झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग व पुलिस के द्वारा क्या कानूनी कार्रवाई की जाती है।