बरेली । नबीरा-ए-आला हज़रत व ऑल इंडिया रज़ा एक्शन कमेटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अदनान रज़ा क़ादरी ने कहा है कि हम बुलडोज़र कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट की सख़्त टिप्पणी का स्वागत करते हैं मगर सच यह है कि अभी तक सुप्रीम कोर्ट ने कोई नई बात नहीं कही है और न ही कोई नई व्यवस्था दी है। यह बात तो पुलिस का नया-नया सिपाही भी जानता है कि आरोपी या दोषी का घर नहीं गिराया जा सकता। हमें उम्मीद है कि यह मामला केवल टिप्पणी तक सीमित नहीं रहेगा। सुप्रीम कोर्ट को पक्की व्यवस्था करनी चाहिए। मौलाना अदनान रज़ा क़ादरी ने कहा, सभी जानते हैं कि ये बुलडोज़र अतिक्रमण या अवैध निर्माण का बहाना बनकर चलाए जाते हैं। मुसलमानों पर आरोप लगते ही अतिक्रमण या अवैध निर्माण के बहाने उनके घर ढहा दिए जाते हैं। नगर निगम या विकास प्रारिधकरण जैसी एजेंसियां आनन-फानन में आदेश जारी कर देती हैं और पुलिस बुलडोज़र लेकर पहुँच जाती है। मीडिया भी “आरोपी के घर पर गरजे बुलडोज़र” जैसी ख़बरें चलाकर ऐसा संदेश दैता है मानो कोई कड़ी कानूनी कार्रवाई की गई हो जबकि यह सरासर गैरकानूनी कार्रवाई होती है। उन्होंने कहा, जैसा कि जस्टिस केवी विश्वनाथन ने अपनी टिप्पणी में कहा है, हमारा भी मानना है कि सुप्रीम कोर्ट को इस मुद्दे पर दिशा-निर्देश पारित करना ही चाहिए। अतिक्रमण या अवैध निर्माण को ध्वस्त करने से पहले कानूनी उपायों को अपनाने के लिए समय दिया जाना चाहिए, जवाब का समय देना चाहिए और उसके बाद ही कार्रवाई होनी चाहिए। नबीरा-ए-आला हज़रत ने कहा कि नफ़रत के बल पर सत्ता में पहुंचे लोग बहुत शातिर हैं, उन पर सिर्फ टिप्पणियाँ असर नहीं करेंगी, इसलिए सुप्रीम कोर्ट को कोई व्यवस्था देनी होगी। हमें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट ऐसा करेगा भी।