बरेली। रंगालय एकडेमी ऑफ आर्ट एंड कल्चर सोसाइटी ने 15 दिवसीय थिएटर फेस्ट के आठवें दिन कथाकार नाट्य मंडली दिल्ली ने मानव कौल लिखित एव रुद्रप्रताप सिंह निर्देशित नाटक ‘इल्हाम’ का मंचन लोक खुशहाली सभागर में किया। मानव कौल का नाटक “इल्हाम” एक जटिल और विचारोत्तेजक कथा है, जो मानवीय संबंधों, भावनाओं और आस्थाओं की गहराइयों को छूती है। इस नाटक का केंद्र बिंदु एक साधारण व्यक्ति भगवान और उसका आध्यात्मिक सफर है। नाटक की शुरुआत में, भगवान एक बैंक कर्मचारी के रूप में साधारण जीवन बिता रहा होता है। पत्नी पूनम और बेटी पिंकी के साथ उसकी ज़िंदगी सामान्य रूप से चल रही होती है। एक दिन अचानक, भगवान को एक दिव्य अनुभव (इल्हाम) होता है, जिसमें उसे एक गहन आत्मिक दृष्टि प्राप्त होती है। इस अनुभव के बाद, भगवान को अपने जीवन और उद्देश्य को लेकर गहरे सवाल उठने लगते हैं। यह इल्हाम भगवान को बदल देता है और वह अपने जीवन की दिशा बदलने का निर्णय लेता है। वह अपने परिवार और समाज के लोगों को इस आध्यात्मिक अनुभव के बारे में बताता है, लेकिन सभी उसे समझ नहीं पाते। उसकी पत्नी पूनम, बेटी पिंकी और मित्र शुक्ला भी उसकी इस नई सोच से परेशान और भ्रमित हो जाते हैं। जैसे-जैसे नाटक आगे बढ़ता है, भगवान अपने इल्हाम की सच्चाई और उसे मिले आत्मिक ज्ञान को समझने की कोशिश करता है। वह अपने आंतरिक संघर्षों और सवालों का सामना करते हुए अपने जीवन के उद्देश्य की खोज में जुट जाता है। इस नाटक में मानव कौल ने बड़े ही संवेदनशील और गहराई से मानव भावनाओं और संबंधों का चित्रण किया है। नाटक के अंत में, भगवान की यात्रा उसकी आंतरिक शांति और आत्मज्ञान की खोज में समाप्त होती है, लेकिन यह सफर उसके और उसके परिवार के लिए अनेक चुनौतियों और संघर्षों से भरा होता है। नाटक में राजीव मैनी, योगेश कुमार, खुशबु सिंह, काजल पाल, रंजीत सिंह, रूद्र प्रताप सिंह, राहुल शर्मा, नीरज पॉल, राहुल कुमार, रानी सोनकर का विशेष सहयोग रहा। मंचन से पहले डॉ. प्रमेन्द्र माहेश्वरी, डॉ. विनोद पागरानी, डॉ. संजीव कोहली ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। थिएटर फेस्ट का संयोजन शैलेन्द्र आज़ाद ने किया। कार्यक्रम मे शालिनी गुप्ता, शुभी, अजय गौतम, सुशील, मोहित, सचिन श्याम भारतीय, महेंद्र पाल राही का विशेष सहयोग रहा।