सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक निर्णय के अनुसरण में गैंगेस्टर कोर्ट ने की कमलेश शर्मा की जमानत खारिज

बदायूँ। 23 मई 2016 को बदायूं की डीजीसी क्रिमिनल साधना शर्मा की हत्या जब वे बदायूं कोर्ट से अपने घर उझानी जा रही थी तब टवेरा गाड़ी से कुचलकर करवा दी गई थी। हत्या के इस मुकदमे में मुख्य अभियुक्त पीसी शर्मा सहित उसकी पत्नी कमलेश शर्मा, उसके साले गिरीश मिश्रा, मृतका साधना शर्मा की बहन श्रद्धा गुप्ता, बहनोई श्रवण गुप्ता, सुपारी किलर मस्ताना उर्फ अब्दुल नबी, पिंटू उर्फ नरेंद्र, यासीन उर्फ बाबा, राजू उर्फ रियाज, इशरत तथा मोहब्बत उर्फ साजिद के नाम विवेचना में प्रकाश में आए थे। हत्या के इस मुकदमे पर गैंगस्टर का मुकदमा 2017 में कायम हुआ था जिसमें पहले आठ लोगों के खिलाफ चार्जशीट आई थी और बाद में वादिनी विपर्णा गौड़ की प्रबल पैरवी उनके द्वारा उच्च न्यायालय में रिट के बाद तीन बचे हुए मुल्जिमान श्रद्धा गुप्ता, श्रवण गुप्ता तथा मुख्य मुल्जिम पीसी शर्मा की पत्नी मुल्जिमा कमलेश शर्मा के खिलाफ भी पूरक गैंग चार्ट 2019 में बना था।इस मुकदमे की अभियुक्ता श्रद्धा गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट तक में इस गैंगस्टर की एफआईआर निरस्त कराने की याचिका डाली थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उसकी याचिका को निरस्त करते हुए इस मामले में नज़ीर बनाई थी जिसके अनुसार एक मुकदमे पर भी गैंगस्टर का मुकदमा कायम किया जा सकता है तथा पूरक गैंग चार्ट भी बनाया जा सकता है। इसी मुकदमे की मुल्जिमा कमलेश शर्मा जो मुख्य अभियुक्त पीसी शर्मा की पत्नी है भी उच्च न्यायालय गैंगेस्टर की एफआईआर निरस्त गैंगस्टर कराने गयी थी जिसमे हाई कोर्ट ने विवेचकों को 3 महीने में गैंगेस्टर की विवेचना पूर्ण करने के आदेश 8.4.20 को दिए थे। लेकिन गैंगस्टर के मुकदमे में अलापुर थाने के विवेचको द्वारा हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद भी 3 माह के बजाय पूरे 3 साल 7 महीने में गैंगेस्टर की चार्जशीट दाखिल की गई।

इसी गैंगेस्टर की चार्ज शीट को निरस्त कराने के लिए अभियुक्ता कमलेश शर्मा ने उच्च न्यायालय में याचिका योजित की जिसमें उच्च न्यायालय में वादिनी विपर्णा गौड़ द्वारा प्रबल विरोध करते हुए स्वयं बहस की गई व दोनों पक्षों को सुनकर हाई कोर्ट के जस्टिस प्रशांत कुमार ने कमलेश शर्मा की याचिका खारिज कर दी। इतना ही नहीं जस्टिस प्रशांत कुमार ने विपर्णा गौड़ के इस तर्क पर कि पुलिस जानबूझकर कमलेश को गिरफ्तार नहीं कर रही है, एसएसपी बदायूं को आदेशित किया है कि अभियुक्ता कमलेश शर्मा स्कूल में पढ़ाती है, उसके 4 माह से गैर जमानती वारंट जारी हैं। इसलिए एसएसपी बदायूं गैंगेस्टर कोर्ट में अगली नियत तिथि दिनांक 17.05.2024 तक अभियुक्ता कि गिरफ्तारी सुनिश्चित करें। हाई कोर्ट के इसी आदेश के डर से कमलेश शर्मा ने दिनांक 8.5.24 को स्पेशल जज गंगेस्टर पूनम सिंघल की कोर्ट में सरेंडर किया जिसपर उसका वारंट अदालत ने बनाकर कमलेश को जिला जेल बदायूं भेज दिया। दिनांक 18.5.23 को कमलेश के जमानत प्रार्थना पत्र पर दोनों पक्षों को सुना। कमलेश के वकील ने याचना की कि वह महिला है, प्राइमरी स्कूल की टीचर है तथा उसके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है। इसका प्रबल विरोध करते हुए वादिनी विपर्णा गौड़ ने बहस की तथा सरकारी वकील सुभाष शर्मा ने भी तर्क रखे।
स्पेशल जज गैंगेस्टर पूनम सिंघल ने वादिनी विपर्णा गौड़, सरकारी वकील सुभाष शर्मा के तर्कों को सुनकर गैंग लीडर पी सी शर्मा की पत्नी व उसके गैंग की सक्रिय सदस्य कमलेश शर्मा की जमानत अर्जी खारिज दी।