लखनऊ। घोसी लोकसभा क्षेत्र में सुभासपा की छड़ी घुमाने के लिए अरविंद राजभर को कड़ी मशक्कत करनी होगी। सपा और सुभासपा के बीच सीधा मुकाबला हुआ तो क्षेत्र की जातीय समीकरण में दलित मतदाता निर्णायक भूमिका अदा करेंगे। यदि सुभासपा, सपा और बसपा के बीच त्रिकोणीय मुकाबला हुआ तो कांटे की टक्कर होगी।एनडीए गठबंधन में घोसी लोकसभा क्षेत्र सुभासपा को मिला है। सुभासपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने अपने बेटे अरविंद राजभर को प्रत्याशी घोषित किया है। अरविंद पार्टी के प्रमुख राष्ट्रीय महासचिव भी हैं। वर्तमान में यहां से बसपा के अतुल राय सांसद हैं। घोसी लोकसभा क्षेत्र में आजादी के बाद से केवल 2014 में भाजपा ने चुनाव जीता है। 1998 से सीट पर बसपा और सपा का ही कब्जा रहा है।घोसी में सबसे अधिक करीब सवा दो लाख दलित मतदाता है। करीब डेढ़ लाख राजभर, डेढ़ लाख से अधिक मुस्लिम, सवा लाख नोनिया चौहान, एक लाख यादव, एक लाख ठाकुर, 50 हजार से अधिक ब्राह्मण और 25 हजार से अधिक भूमिहार मतदाता हैं।राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यदि भाजपा अगड़े समाज के वोट के साथ नोनिया चौहान वोट सुभासपा को ट्रांसफर कराने में सफल हो गई तो अरविंद प्रतिद्वंद्वी प्रत्याशी को कांटे की टक्कर देंगे। अरविंद राजभर ने 2022 में वाराणसी की शिवपुर से भाजपा के अनिल राजभर के सामने चुनाव लड़ा था। अरविंद चुनाव हार गए थे। राजभर ने इससे पहले 2017 का विधानसभा चुनाव अरविंद को भाजपा गठबंधन में बलिया की बांसडीह सीट से लड़ाया था। अरविंद वह चुनाव भी हार गए थे। भाजपा ने घोसी विधानसभा उपचुनाव में सुभासपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर को पिछड़े वोट लामबंद करने की कमान सौंपी थी। सपा से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हुए दारा सिंह चौहान यहां से प्रत्याशी थे। भाजपा, सुभासपा, अपना दल एस, निषाद पार्टी और सरकार की पूरी ताकत लगने के बाद भी 42 हजार से अधिक मतों से भाजपा के दारा सिंह चुनाव हार गए थे।घोसी लोकसभा क्षेत्र में मधुबन, घोसी, मुहम्मदाबाद गोहाना, मऊ और रसड़ा विधानसभा क्षेत्र हैं। मधुबन भाजपा के पास है। घोसी और मुहम्मदाबाद गोहाना सपा के पास है। मऊ सुभासपा और रसड़ा बसपा के पास है। मधुबन से भाजपा के रामविलास चौहान विधायक हैं। रसड़ा बसपा के उमाशंकर सिंह का गढ़ माना जाता है। घोसी में सपा के सुधाकर सिंह और मुहम्मदाबाद गौहना में राजेंद्र कुमार विधायक हैं। मऊ में मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी विधायक हैं।