बिल्सी के वहेटा गुसाई में कथा का दूसरा दिन बिल्सी। तहसील क्षेत्र के गांव वहेटा गुसाई में रामकृष्ण कथा समिति के तत्वावधान में गावं राधाकृष्ण गुप्ता के आवास के निकट मैदान पर रामकथा और भागवत कथा के दूसरे दिन मैनपुरी से पधारे कथावाचक विष्णु पांडेय ने कहा कि भागवत कथा से ही राजा परीक्षित का उद्धार हुआ था। कलियुग के गुण को सुनकर राजा परिक्षित ने उन्हें सोने में स्थान दिया। यूं तो कलियुग का चार स्थान वैश्यालय, मदिरालय, जुआ स्थल एवं हिंसक स्थल है। जैसे ही राजा परीक्षित ने कलियुग की सोने में स्थान दिया और सोने का मुकुट पहना कलियुग ने असर दिखाना प्रारंभ कर दिया। इसी कारण राजा परीक्षित ने शिकार करना शुरू कर दिया। जंगल के श्रृंगी ऋषि के आश्रम में अपनी प्यास बुझाने पहुंचे। वहां पर शमिक ऋषि ब्रह्मध्यान में लीन थे। राजा ने पीने के लिए जल मांगा लेकिन ऋषि के ब्रह्मध्यान में लीन होने के कारण ध्यान नहीं दे पाए। इसके बाद कलियुग के प्रभाव से राजा क्रोध में आकर ऋषि को ढोंगी मानकर उनका अपमान कर दिया। राजा ने एक सांप मारकर ऋषि के गले में डाल दिया। यह अपमान शमिक ऋषि के पुत्र श्रृंगी ऋषि ने देखा इसके बाद शमिक ऋषि ने श्राप दिया कि आज से सातवें दिन तक्षक सर्प उन्हें डसेगा। पुन: शमिक ऋषि ने इसकी सूचना राजा परीक्षित को अपने पुत्र के माध्यम से दिया तो राजा परीक्षित अपना सारा राजपाट छोड़कर गंगातट पर भगवान की शरण ली। यहीं पर भगवान प्रसन्न होते हैं और सुकदेव मुनी राजा परीक्षित को सात दिनों तक भागवत कथा का श्रवण कराते हैं। इसके बाद सात दिनों तक भागवत कथा का श्रवण करने से राजा परीक्षित का उद्धार होता है। इसलिए सभी मनुष्य को इस कलियुग में भागवत कथा का श्रवण अवश्य करना चाहिए। इससे पहले कथावाचक अनुराधा मिश्रा ने रामकथा सुनाते हुए अयोध्या में राम जन्म की कथा का प्रसंग सुनाकर श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया। यहां आरती के बाद प्रसाद का वितरण किया गया। इस मौके पर प्रहलाद पुरी, प्रमोद गुप्ता, रामअवतार गुप्ता, सुमित गुप्ता, अखिलेश गुप्ता, राजेश कुमार, महेश वर्मा, मुकेश गुप्ता, नवीन वार्ष्णेय, मुन्नी देवी, मीरा वर्मा, तनु वार्ष्णेय, राधा देवी, राधाकृष्ण गुप्ता आदि मौजूद रहे।