बदायूं।आदर्श नगर में चल रही सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के पंचम दिवस प्रातः बेला में महालक्ष्मी यज्ञ आचार्य श्री सुरेंद्र कुमार भारद्वाज (नरवर वालो) के कुशल निर्देशन में संपन्न हुआ। जिसमें मुख्य यजमान के रूप में गोपाल कश्यप, गुलशन कश्यप एवं दिग्विजय कश्यप रहे। वृंदावन धाम से पधारे कथा प्रवक्ता आचार्य कथा व्यास आचार्य मनीष कौशिक ने कहा कि मन ही सारे पापों की खान है और जब मनुष्य के मन का चक्कर खत्म हो जाता है तब उसकी 84 लाख योनियों का चक्कर भी खत्म हो जाता है। यदि मनुष्य अपनी कमी को अनदेखा न करें। तो वह कभी दुःखी नहीं होगा। शिशुपाल द्वारा श्री कृष्ण को अपशब्द कहे जाने पर अर्जुन को क्रोधित होता देख श्री कृष्ण ने अर्जुन से कहा कि जिसके पास जो रहता है वही देता है। नीच व्यक्ति के साथ नीचता पर उतर आना उचित नही होता। निर्मल मन से ही प्रभु की प्राप्ति संभव है। इस दौरान व्यास जी ने श्री कृष्ण एवं राधा के बचपन का मनमोहक नोक झोंक का वर्णन किया। साथ ही कृष्ण की बाल लीलाओं का भी सुंदर चित्रण भी किया। कथा में गोवर्धन भगवान को छप्पन भोग लगाए गए एवं समस्त भक्त जनों को प्रसाद वितरण कर कथा का समापन हुआ। गोपाल शर्मा ने समस्त धर्मप्रेमियों से 4 मार्च तक प्रतिदिन सायं 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक भागवत कथा सुनकर धर्मलाभ उठाने का आह्वान किया। इस मौके पर यज्ञ आचार्य सुरेंद्र कुमार भारद्वाज (नरवर वाले), आचार्य ब्रह्मदत्त वशिष्ठ, संजीव भारद्वाज, आशीष तिवारी, कमलेश गुप्ता, शशांक गुप्ता, उत्कर्ष गुप्ता, देव, रविंद्र उपाध्याय, दिनेश गुप्ता समेत तमाम धर्म प्रेमी मौजूद रहे।