चीन थोड़ी सी सावधानी बरतता तो दुनिया का यह हाल नहीं होता
नई दिल्ली। चीन में कोरोना कहर बरपा रहा है। धड़ाधड़ मौतों के बीच दूसरे देश भी सहमे हुए हैं कि कहीं आने वाला साल एक बार फिर तबाही का साल न बन जाए। कोरोना वायरस की तो चर्चा हो रही है, लेकिन कई ऐसी जानलेवा बीमारियां हैं, जो महामारी की शक्ल लेते-लेते रह गईं। अगर इनके वायरस फैलते तो मामला कोविड से भी ज्यादा खतरनाक हो सकता था. चीन जैसा बेहद ताकतवर देश अपने यहां से बीमारी फैलने पर कंट्रोल नहीं कर सका, लेकिन कुछ बेहद गरीब देशों ने अपने यहां के जानलेवा विषाणुओं पर सख्ती से काबू पा लिया।
साल 2019 के आखिर मे चीन अगर तब थोड़ी सावधानी बरतता, या दुनिया को पहले ही चेता देता तो आज ये हाल नहीं होता। चीन से उलट, कई देशों ने वक्त रहते सतर्कता बरती और दुनिया को कई जानलेवा बीमारियों से बचा लिया.
साल 2018 में जब कांगो में पहली बार इबोला का वायरस आया तो लोगों को समझने में वक्त लगा कि ये डायरिया या सामान्य बुखार से अलग है।
तब तक इबोला वायरस के बारे में दुनिया में छिटपुट जानकारी ही थी. इसके बाद भी इस देश का मेडिकल सिस्टम तुरंत एक्टिव हो गया.। आनन फानन में दुनिया भर में फैल चुके सारे क्लोज कॉन्टैक्ट्स को खोज निकाला गया और उन्हें वहीं के वहीं मेडिकल निगरानी में अलग कर दिया गया।
चमगादड़ों से फैलने वाली बीमारी निपाह भी महामारी में तब्दील होते-होते रह गई. साल 2018 में केरल के कोझिकोड में इसका पहला मामला 12 साल के बच्चे में दिखा, जिसकी इलाज की शुरुआत में ही मौत हो गई. वैसे इसके मामले 1999 में मलेशिया और सिंगापुर में भी आ चुके थे, लेकिन तब बीमारी अपने इतने भयंकर रूप में नहीं दिखी थी. केरल में एक के बाद एक समान मामले आने लगे.।
जैसे ही मामला गंभीर लगा केंद्र ने नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल की यूनिट फौरन वहां के लिए रवाना कर दी. अस्पतालों को क्वरंटीन सेंटर में बदल दिया गया. यहां तक कि मरीजों या संदिग्धों का इलाज करने वाले डॉक्टर-नर्स भी आइसोलेट हो गए. सुअर और फ्रूट बैट से फैलने वाला ये वायरस सीधे दिमाग पर असर करता है और ज्यादातर संक्रमितों की मौत हो जाती है. हालांकि सरकार, हेल्थ विभाग और आम लोगों की सजगता के कारण बीमारी वहीं तक सीमित रही और खास नुकसान नहीं हुआ।
निपाह की पुष्टि होने के 24 से 48 घंटों के भीतर मरीज कोमा में पहुंच सकता है और उसी हालत में मौत हो जाती है. ज्यादातर मरीजों को सांस लेने में दिक्कत होने लगती है और लंग्स फेल हो जाते हैं।
ऐसी ही शायद कई और बीमारियां होंगी, जिनके बारे में हमें पता ही नहीं लग सका, और जो लोकल स्तर पर ही बेहद सतर्कता से खत्म कर दी गईं. वैसे कोविड से ठीक पहले जो बीमारी फैलकर महामारी बन गई, उसका नाम था स्पेनिश फ्लू, जो साल 1918 की मार्च में युद्ध के दौरान फैली. अमेरिकी आर्मी में काम करते रसोइये से फैला संक्रमण जल्द ही पूरी सेना में फैलता चला गया।