ऐसे तय होगा सीटों का आरक्षण, पहली बार कई गांवों में एससी व ओबीसी बन सकते हैं प्रधान

गोरखपुर। शासन ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के लिए आरक्षण की स्थिति को लगभग साफ कर दिया है। मंगलवार को यह तय हो गया कि इस बार आरक्षण की व्यवस्था चक्रानुक्रम में ही लागू होगी। अभी तक शासनादेश भले न जारी हुआ हो लेकिन यह माना जा रहा है कि इस बार ऐसी व्यवस्था बन सकती है, जिसके अनुसार कई गांवों में पहली बार अनुसूचित जाति (एससी) एवं अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के प्रधान चुने जाएंगे। इधर, शासन की ओर से आरक्षण को लेकर संकेत मिलते ही दावेदार सक्रिय हो गए हैं और मनमुताबिक आरक्षण के लिए विकास भवन का चक्कर लगाना शुरू कर दिया है।
ऐसे तय होगी सीट
अभी तक पंचायत चुनावों में आरक्षण को लेकर स्थिति साफ नहीं थी। 2010 एवं 2015 की तरह इस बार भी आरक्षण शून्य होगा या चक्रानुक्रम के अनुसार निर्धारण होगा, इस बात को लेकर संशय बरकरार था। मंगलवार को स्थिति साफ हो जाने के बाद पंचायती राज विभाग विस्तृत शासनादेश के इंतजार में है। विभागीय जानकारों के अनुसार इस बार आरक्षण तय किए जाते समय यह देखा जाएगा कि कौन से ऐसे गांव हैं, जहां 1995 से लेकर 2015 तक कभी भी सीट एससी या ओबीसी नहीं रही। जो गांव कभी एससी नहीं रहे हैं, उन्हें इस बार एससी करने की तैयारी है। इसी तरह जिन गांवों में ओबीसी आरक्षण नहीं रहा, वहां ओबीसी किया जाएगा। इसके बाद जो गांव बचेंगे वहां आबादी के अनुसार सामान्य तरीके से आरक्षण की व्यवस्था लागू की जा सकती है। ग्राम पंचायतों में आबादी की गणना ब्लाक स्तर पर होगी।
ऐसे चलता है चक्रानुक्रम
चक्रानुक्रम के अनुसार सबसे पहले एसटी महिला की सीट होती है। इसकी आबादी पर्याप्त न होने पर एसटी के लिए आरक्षण दिया जाता है। इसके बाद एससी महिला, फिर एससी, अगले क्रम पर ओबीसी महिला, ओबीसी, फिर सामान्य महिला एवं सामान्य सीट घोषित की जाती है। यदि शासनादेश में बदलाव नहीं हुआ तो पिछले चुनाव में जिस ग्राम पंचायत में एसटी महिला सीट रही होगी वहां इस बार एसटी, जहां एसटी रही होगी वहां एससी महिला, एससी महिला वाली सीट पर एससी, एससी वाली सीट पर ओबीसी महिला, ओबीसी महिला वाली सीट पर ओबीसी, ओबीसी वाली सीट पर सामान्य महिला एवं सामान्य महिला वाली सीट सामान्य हो सकती है।
आरक्षण चक्रानुक्रम के आधार पर ही होगा, यह बात तय हो चुकी है। अब विस्तृत शासनादेश का इंतजार है। शासनादेश आते ही आरक्षण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा। – हिमांशु शेखर ठाकुर, जिला पंचायत राज अधिकारी