बरेली। प्रेम सुरेश फ़ाउंडेशन बरेली द्वारा आज बरेली कॉलेज के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष व एक्साइज़ ऑफ़िसर स्वर्गीय सुरेश चन्द्र शर्मा की पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में सुरेश शर्मा स्मृति स्थल सुरेश शर्मा नगर में भगवद गीता पाठ हुआ जिसमें संस्थान से जुड़े हुए सभी कर्मचारियों व सुरेश शर्मा नगर वासियों के साथ साथ गणमान्य नागरिकों ने भाग लिया और अपनी श्रद्धांजलि व्यक्त की। फ़ाउंडेशन संस्थापक साकेत सुधांशु शर्मा एडवोकेट ने कहा कि महान व्यक्ति वह व्यक्ति होते है, जिनका समाज में कोई विशेष योगदान होता है। यह शब्द उस व्यक्ति के लिए उपयोग किया जाता है जिसने अपने कार्यों द्वारा समाज के उत्थान तथा विकास में कोई महत्वपूर्ण योगदान दिया हो। इस विषय में हम आज स्वर्गीय सुरेश चंद्र शर्मा ज़ी का उदाहरण ले सकते हैं। सह संस्थापक अंजलि शर्मा ने कहा कि गीता हिन्दू ही नहीं, अन्य संप्रदाय के लिए भी माता के समान है, जो अपनी शरण में आए हुए हर पुत्र की समस्याओं का समाधान करती है। माता सर्वापरि होती है -गुरु से भी ऊपर। इसी कारण शपथ भी ली जाती है तो गीता के ऊपर हाथ रखकर। अदालत के लिए सद्ग्रन्थों की कमी नहीं है, पर गीता तो गीता है, वह माता है, सबकी माता। वह न कोई शास्त्र है, न ग्रन्थ है। वह तो सबको छाया देने वाली, ज्ञान का प्रकाश देने वाली माता है। श्रद्धांजलि कार्यक्रम में श्रेय शर्मा, अमोघ शर्मा, सुबोध दीक्षित, सुशील यादव, अमित अवस्थी एडवोकेट, नितिन सेहता, आर्किटेक्ट नवनीत अग्रवाल, सी.ए. प्रदीप तिवारी, सुनील शर्मा, सुषमा दीक्षित , इं० अभिषेक गंगवार, पंकज, मोहन स्वरूप, सौरभ, सर्वेश, नीता, पल्लवी, दिव्या , सरिता सहित अन्य बहुत से लोगों ने अपनी श्रद्धांजलि व्यक्त की । निर्भय सक्सेना