मुमुक्षु महोत्सव के चतुर्थ दिनविभिन्न कार्यक्रम हुए
शाहजहापुर। स्वामी शुकदेवानंद महाविद्यालय में आयोजित हो रहे मुमुक्षु महोत्सव के चतुर्थ दिन का शुभारंभ भी प्रार्थना एवं रुद्रमहायज्ञ के साथ हुआ।
चित्रकला विभाग की ओर से लगाई गई प्रदर्शनी
चित्रकला विभाग की ओर से डॉ अर्चना गर्ग के संयोजन में मुमुक्षु शिक्षा संकुल के मुख्य अधिष्ठाता स्वामी चिन्मयानंद के 75 वर्ष की समर्पण यात्रा को छायाचित्रों के माध्यम से सजाकर प्रदर्शनी लगाई गई, जिसका उद्घाटन महामंडलेश्वर स्वामी हरिहरानंद के कर कमलों द्वारा हुआ। इस अवसर पर महाविद्यालय के सचिव डॉ ए के मिश्रा, प्राचार्य डॉ अनुराग अग्रवाल, डॉ आलोक मिश्रा, डॉ शालीन सिंह, डॉ आदित्य कुमार सिंह, नेहा सिंह, डॉ मधुकर श्याम शुक्ला, रश्मि, डॉ विनीत श्रीवास्तव, डॉ दीप्ति गंगवार, डॉ रेनू बहुखंडी, डॉ अंजू अग्निहोत्री, डॉ प्रज्ज्वल पुंडीर, नीलम सिंह आदि लोग उपस्थित रहे।
विज्ञान संकाय के द्वारा राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन
महाविद्यालय के विज्ञान संकाय के द्वारा “भविष्य के विज्ञान के लिए सतत प्रौद्योगिकी की भूमिका” विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार के प्रथम दिन दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजेश सिंह मुख्य अतिथि एवं जी एफ कॉलेज शाहजहांपुर के रसायन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ नईमुद्दीन सिद्दीकी विशिष्ट अतिथि के रुप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन एवं पुष्पांजलि से हुआ। संगीत विभाग की छात्राओं के द्वारा अतिथियों का चंदन तिलक एवं पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया गया। डॉ कविता भटनागर ने कुल गीत प्रस्तुत किया। जंतु विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ रमेश चंद्रा ने कार्यक्रम के अतिथियों का परिचय करवाया। कार्यक्रम का संचालन कर रहे भौतिक विज्ञान विभागाध्यक्ष शिशिर शुक्ला ने कहा कि विज्ञान दिवस रमन प्रभाव की खोज के उपलक्ष्य में मनाया जाता है ।हमें रमन प्रभाव से संदेश मिलता है कि जिस प्रकार एक छोटा सा परमाणु विकिरण की ऊर्जा ग्रहण करके उसकी आवृत्ति को बदलने की क्षमता रखता है उसी प्रकार हमें भी प्रकृति के संसाधनों का उपयोग करके स्वयं को बदलने की क्षमता रखनी होगी। महाविद्यालय की प्रबंध समिति के सचिव डॉ अवनीश मिश्र ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि मुमुक्षु शिक्षा संकुल में सदैव से ही धर्म के साथ-साथ शिक्षा का संगम दृष्टिगोचर होता रहा है। उन्होंने कहा कि विज्ञान एवं तकनीकी किसी राष्ट्र के विकास का आधार है। उसके बिना किसी राष्ट्र के उन्नत होने की कल्पना नहीं की जा सकती। कंप्यूटर साइंस विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ संदीप अवस्थी ने सभी अतिथियों को अंग वस्त्र पहना कर सम्मानित किया।
कार्यक्रम के आयोजन सचिव एवं रसायन विभागाध्यक्ष डॉ आलोक कुमार सिंह ने विषय स्थापना करते हुए कहा कि राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के आयोजन का उद्देश्य विद्यार्थियों में विज्ञान के प्रति रुचि एवं जागरूकता उत्पन्न करना तथा वैज्ञानिक गतिविधियां आयोजित करके विज्ञान के क्षेत्र में हुए शोधों से परिचित करवाना है। उन्होंने बताया कि 2022 के विज्ञान दिवस की थीम “इंटीग्रेटेड अप्रोच इन साइंस एंड टेक्नोलॉजी फॉर सस्टेनेबल फ्यूचर” है । कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ नईमउद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि सृष्टि ने हमें जो दिया है, हमें उसका संरक्षण करना चाहिए अन्यथा मानव और पशु में कोई अंतर नहीं रहेगा। तकनीकी ऐसी होनी चाहिए कि भविष्य की पीढ़ी उसके अधिकाधिक लाभ ले सके।
मुख्य अतिथि प्रोफेसर राजेश सिंह ने कहा कि शिक्षक को परंपरागत ज्ञान के स्थान पर प्रतियोगिता पर केंद्रित रहना चाहिए । उन्होंने कहा कि विज्ञान एवं तकनीकी के क्षेत्र में भारत को अभी और आगे बढ़ना है । हम सैद्धांतिक रूप से भले ही आगे हों, किंतु प्रायोगिक दृष्टि से अभी पीछे हैं ।
संकुल के अधिष्ठाता पूज्य स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती ने आशीर्वचन देते हुए कहा कि विज्ञान एवं तकनीकी के विकास हेतु संसाधनों की व्यवस्था नितांत आवश्यक है। अनेक महाविद्यालयों में पूरे पूरे विभाग केवल एक ही शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं, ऐसी स्थिति में हम विज्ञान और तकनीकी को कैसे उन्नत कर सकते हैं हमारा देश हर क्षेत्र में प्राचीन काल से अग्रणी रहा है किंतु अग्रणी बने रहने के लिए आवश्यक है कि हम अपनी संपदा व धरोहर को संरक्षित रखें।
अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अनुराग अग्रवाल के द्वारा किया गया ।
कार्यक्रम में विज्ञान संकाय के संकायाध्यक्ष श्री हरीश चंद्र श्रीवास्तव डॉ आदर्श पांडेय, डॉ संदीप दीक्षित , डॉ रजतकुमार सिंह, सुमित त्रिवेदी, चंदन गिरि , सत्येंद्र कुमार सिंह , नितिन शुक्ला, अमित राज चौहान , डॉ मुमताज हुसैन , केशव शुक्ला, शशांक गुप्ता, मंजीत सिंह, उज्ज्वल आदि शिक्षकों सहित अनेक छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।