बिल्सी । यज्ञ तीर्थ गुधनी में स्थित आर्य संस्कारशाला गुरुकुल में अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया गया ।इस अवसर पर बच्चों ने संस्कृत में संवाद किया तथा वेद मंत्र गाए । शाला के संचालक सुप्रसिद्ध वैदिक विद्वान आचार्य संजीव रूप ने कहा “मातृभाषा से सबको प्रेम होता है, भाषा अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम है। क्योंकि हम मनुष्य हैं और जब सृष्टि की रचना हुई तब जो भाषा हमें प्राप्त हुई वह संस्कृत थी, संस्कृत ही हम सब की मातृभाषा है , उसी से सब भाषाओं का जन्म हुआ है । सभी भाषाओं में संस्कृत के शब्द अवश्य मिलेंगे , संस्कृत भाषा संपूर्ण भाषा है और विश्व के सभी मनुष्य के लिए समान रूप से कठिन किंतु ग्राही है। संस्कारशाला की शिक्षिका श्रीमती प्रज्ञा आर्य ने कहा “भाषा चाहे अलग हो किंतु भाषा के नाम पर हम लोगों का मतभेद और परस्पर विरोध नहीं होना चाहिए! समाज के मंत्री मास्टर अगर पाल सिंह ने कहा “भाषा सहज सरल वह वैज्ञानिक होनी चाहिए क्योंकि भाषा केबल संवाद ही नहीं भाषा आत्मा की उन्नति कभी कारण होती है। इस अवसर पर अनेक आर्य जन उपस्थित रहे