निजी छेत्र में बरेली का आई एम ए का अत्याधुनिक ब्लड बैंक यू पी का सर्वोत्तम : निर्भय सक्सेना

बरेली। निजी चैत्र में आई एम ए का अत्याधुनिक मशीनों वाला ब्लड बैंक उत्तर प्रदेश का सर्वोत्तम होने का दर्जा पा चुका है जहाँ ब्लड के सेम्पिल ‘नेट’ प्रणाली से टेस्ट होते हैं। बिना लाभ बिना हानि की पद्धति पर चलने वाला यह ब्लड बैंक थैलीसीमिया से पीड़ित 140 पंजीकृत बच्चों को भी निःशुल्क रक्त लंबे समय से उपलब्ध करा रहा है। आई एम ए के पूर्व अध्यक्ष एवम बरेली के पूर्व मेयर डॉ आई एस तोमर के अनुसार 1987 में बरेली के प्रमुख कारोबारी नवीन खंडेलवाल के दिए गए दान से उनके पिता राधेश्याम के नाम पर आई एम ए भवन में प्रारंभ हुआ थाजो आज देश का नामी ब्लड बेक का दर्जा पा चुका है जहाँ वह सारी आधुनिक ऑटोमेटिक मशीन एवम कोल्ड चैन प्रणाली है जो देश के नामी हॉस्पिटल में हैं। आई एम ए ब्लड बैंक की प्रभारी डॉ अंजू उप्पल के अनुसार यह पूर्ण वातानुकूलित आई एम ए का यह ब्लड बैंक 24 घंटे रोगियों की सेवा में तत्पर रहता है।

लगभग 70 कर्मियों वाले इस ब्लड बैंक में मानव गलती नहीं हो इसके लिए क्लोज सर्किट वेव कैमरे, बार कोडिंग, आदि के माध्यम से पैनी नजर रखी जाती है। वर्ष भर में लगभग 70 हजार यूनिट का ब्लड/ एवम अन्य रक्त प्लेटलेट आदि अवयवो का कलेक्शन होता है। औसतन 40 से 45 हजार यूनिट ब्लड मरीजो को दिया जाता है। वर्ष भर में लगभग 40 लाख की चैरिटी का कार्य थैलीसीमिया के मरीजो पर होता हैं। अब ब्लड बैंक भवन को और विस्तारित किया गया है। कोविड काल में कुछ कमी अवश्य आई थी। पर किसी को परेशानी नही होने दी गई। ब्लड बैंक के पास अपनी मोबाइल बस भी है जो ग्रामीण अंचल में जाकर रक्तदाताओं से सेम्पिल एकत्र करती है। डॉ अंजू का कहना है कि विश्व रक्तदान दिवस पर एवम अन्य अवसरों पर समाजसेवी यहां निरंतर आकर रक्तदान करते हैं। डॉ पारुल प्रिया एवम डॉ सेठी के अनुसार कुछ जागरूक युवा लोग जन्मदिन या विवाह वर्षगाँठ पर भी रक्तदान करते हैं। रक्तदान दिवस पर आई एम ए ब्लड बैंक जागरूक रक्तदान करने वालो को सम्मानित भी करता है। बरेली में इकबाल सिंह वाले 100 से अधिक बार रक्तदान कर चुके हैं। डॉ अंजू के अनुसार रक्तदान करना एक पुण्य का कार्य है। इससे शरीर मे कोई कमी नही होती है। लेखक भी अब तक 51 बार रक्तदान कर चुका है।
