कड़ाके की ठंड नहीं रोक पाई श्रद्धालुओं की आस्था, स्नान के लिए घाटों पर उमड़ी भीड़
मेरठ। कड़ाके की ठंड भक्तों की आस्था पर रोक नहीं लगा सकी।श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगाने घाटों पर पहुंचे तो नजारा दर्शनीय बन गया। श्रद्धालुओं ने गंगा और यमुना के घाटों पर एकत्र होकर डुबकी लगाई। साथ ही मां गंगा का ध्यान किया और सूर्य देव को अर्घ देकर इस मकर संक्राति के पावन अवसर का लाभ लिया। पवित्र गंगा स्नान कर श्रद्धालुओं ने मकर संक्रांति पर्व की शुरुआत की। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर स्थित शुकतीर्थ में गंगा घाट, बागपत में यमुना के घाट, हस्तिनापुर और गढ़मुक्तेश्वर में श्रद्धालु जुटे रहे।
इस बार बन रहे पांच ग्रहों के शुभ योग से स्नान का और भी महत्व बढ़ गया। मकर संकांति पर लोगों ने गंगा में डुबकी लगाते हुए उत्साह दिखाया। ऐसा माना जाता है कि मकर संक्रांति पर गंगा स्नान का बड़ा महत्व है। इस दिन के स्नान से तन और मन दोनों पवित्र हो जाता है। इस दिन दान का भी एक विशेष महत्व रहता है। कहा जाता है कि मकर संक्रांति के दिन दान करने से दान का 10 गुना लाभ मिलता है। दान में चावल और दाल के साथ सब्जियां दान की जाती है। साथ ही तील का लडडू दान में देने से लाभ दोगुना मिलता है।
कंपकपी भरी ठंड में भी लगाई डुबकी
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में न्यूनतम पारे ने श्रद्धालुओं की परीक्षा ली। सुबह से ही कड़ाके की ठंड लोगों को घरों में कैद करने को मजबूर कर रही थी। लेकिन इस घने कोहरे में भी श्रद्धालु गंगा व यमुना घाटों पर पहुंचकर विशेष स्नान किया। इस दौरान श्रद्धालुओं की भीड़ रही। मेरठ में रात का न्यूनतम तापमान चार डिग्री दर्ज किया गया तो वहीं बागपत, शामली, मुजफ्फरनगर व सहारनपुर में भी छह से नीचे दर्ज किया गया। इस कंपकपी भरी ठंड में श्रद्धालु तड़के सुबह से ही स्नान के लिए जुटना शुरू हो गए। मुजफ्फरनगर और हस्तिनापुर में श्रद्धालुओं की अच्छी खासी संख्या रही।
