भाषण में यश एवं काव्यपाठ में सारस्वत रहे प्रथम
शाहजहांपुर। स्वामी शुकदेवानंद कॉलेज में भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की जन्म शताब्दी वर्ष के समापन के उपलक्ष्य में भाषण एवं काव्यपाठ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। भाषण प्रतियोगिता का विषय ‘सुशासन का महत्व’ था। प्रतियोगिता में अनेक विद्यार्थियों ने अपने विचार प्रस्तुत किए। प्रस्तुतिकरण के ढंग, कंटेंट की उत्कृष्टता आदि मानकों केआधार पर उनका मूल्यांकन किया गया, जिसमें प्रथम स्थान बीए पंचम सेमेस्टर के छात्र यश शर्मा ने, द्वितीय स्थान एमए हिंदी तृतीय सेमेस्टर के छात्र सारस्वत पांडेय ने तथा तृतीय स्थान बीए प्रथम सेमेस्टर के छात्र संजीत कुमार ने प्राप्त किया। इस अवसर पर कॉलेज के सचिव प्रो अवनीश मिश्र ने सुशासन की संकल्पना पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए इसके विभिन्न पहलुओं से विद्यार्थियों को परिचित कराया। प्राचार्य प्रो आर के आजाद ने विद्यार्थियों को उद्बोधन देते हुए कहा कि अटल जी केवल एक राजनेता नहीं थे, वे विचार, संवाद और संवेदना का अद्भुत संगम थे। उन्होंने राजनीति को शिष्टता सिखाई, असहमति को मर्यादा दी और सत्ता को सेवा का पर्याय बनाया। कार्यक्रम समन्वयक डॉ शिशिर शुक्ला ने कहा कि प्रधानमंत्री के रूप में अटल जी ने भारत को वैश्विक मंच पर आत्मविश्वास के साथ खड़ा किया। उनकी सबसे बड़ी विशेषता थी-संवाद की संस्कृति। सहसमन्वयक डॉ अरुण कुमार यादव ने विद्यार्थियों को अटल जी के महान कार्यों, शासन पद्धति एवं उनके कार्यकाल में भारत की उपलब्धियों से परिचित कराया। डॉ राजनंदन सिंह राजपूत के संचालन में हुए इस कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन डॉ सत्येंद्र कुमार सिंह ने किया।
वहीं डॉ अर्चना गर्ग एवं डॉ श्रीकांत मिश्र के संयोजन में आयोजित हुई काव्यपाठ प्रतियोगिता में प्रथम स्थान सारस्वत पांडेय ने, द्वितीय स्थान संजीत कुमार ने एवं तृतीय स्थान साक्षी सिंह ने प्राप्त किया। कार्यक्रम में प्रो आलोक मिश्र, प्रो प्रभात शुक्ला, प्रो मीना शर्मा, प्रो पूनम सहित कॉलेज के अनेक शिक्षक एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।
