जौनपुर में बंदरों का कहर, चार की मौत और 18 से अधिक घायल
जौनपुर। शहर में बंदरों के बढ़ते उत्पात से लोग दहशत में हैं। झुंड में घूमने वाले बंदर कभी भी किसी के ऊपर हमला कर देते हैं। बंदर न केवल घरों की छतों पर लगी टंकियों की पाइप तोड़ रहे हैं और बागवानी को उजाड़ रहे हैं बल्कि घरों में घुसकर सामान नष्ट भी कर रहे हैं। हालात यह हैं कि बंदरों को देखते ही लोग घरों से बाहर निकलने से बचते हैं। शिकायतों के बावजूद वन विभाग की ओर से अभी तक कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई है। नगर के परमानतपुर, सहकारी कॉलोनी, आदर्श कॉलोनी, चांदमारी समेत कई क्षेत्रों में बंदरों का आतंक अधिक है। जंगल से भटककर आए दर्जनों बंदरों ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है। स्थिति लंबे समय से ऐसी ही बनी हुई है। बंदर ज्यादातर घरों के अंदर घुसकर रसोई के सामान को नुकसान पहुंचा देते हैं।
बंदर छतों पर सूखने रखे गए अनाज और कपड़ों को खराब कर देते हैं। सबसे ज्यादा परेशानी उन घरों को झेलनी पड़ रही है जिनके छतों पर पानी की टंकी बनी हुई है। पानी की तलाश में बंदर टंकियों से जुड़े पाइप क्षतिग्रस्त कर देते हैं। इसके अलावा घरों की बाउंड्री के बाहर लगे गेट लाइट को उखाड़कर तोड़ देते हैं और इंटरनेट तारों को नुकसान पहुंचाते हैं। लोगों के अनुसार इन हालातों से दैनिक जीवन बेहद प्रभावित हो रहा है।
मुंगराबादशाहपुर में बंदरों के हमले से घायल चार लोगों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है, जबकि 18 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं। मृतकों में थाने के पास रहने वाले सभाजीत तिवारी, मोहल्ला गुड़हाई निवासी हृदय नारायण, बहोरिकपुर निवासी हीरालाल और मोहल्ला पकड़ी गोदाम निवासी पांच वर्षीय रेहान शामिल हैं। बंदरों के आतंक के कारण महिलाएं और बच्चे अब छत पर जाने से भी डरने लगे हैं।
वन विभाग ने कहा है कि बंदरों को पकड़ने के लिए अभियान चलाया जाएगा। डीएफओ प्रोमिला ने बताया कि नगर निकाय और ब्लॉक स्तर से सहयोग मिलने पर कार्रवाई और तेज की जाएगी।
