पूर्वी दिल्ली में बंदरों का कहर, आमजन दहशत में

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पूर्वी दिल्ली की गलियों में अब हर कदम पर खौफ का माहौल है, जहां पहले लोग आवारा कुत्तों से परेशान थे, वहीं अब बंदरों का बढ़ता आतंक आम नागरिकों की जिंदगी और मुश्किल बना रहा है। सुबह घर से निकलना हो या बाजार में खरीदारी करना, हर जगह बंदरों के हमले का डर लोगों को सताने लगा है। पीछा करना, काट लेना और हाथ से सामान छीनकर भाग जाना जैसी घटनाएं अब आम हो चुकी हैं। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि हालात भयावह होने के बावजूद दिल्ली नगर निगम की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही, जिससे लोगों में दहशत और नाराजगी बढ़ रही है।

पांडव नगर, मयूर विहार, न्यू अशोक नगर, राम नगर और जाफराबाद सहित कई इलाकों में रहने वाले लोगों ने बताया कि बंदर घरों के बाहर तोड़फोड़ करते हैं। बालकनी में रखे फूलों के गमले गिरा देते हैं, घर के बाहर सूख रहे कपड़े उठा ले जाते हैं और गंदे कर देते हैं। पक्षियों के लिए रखा दाना-पानी भी बिखेर देते हैं। हालात यह हैं कि बंदरों के डर से लोग पार्कों में टहलने और सर्दी में धूप सेकने से भी बचने लगे हैं। बंदरों के झुंड पार्कों में आकर बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों को परेशान करते हैं और भगाने की कोशिश पर हमला कर देते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि आए दिन बंदर लोगों को चोट पहुंचा रहे हैं, लेकिन प्रशासन सिर्फ दर्शक बना हुआ है।

पांडव नगर स्थित रामलीला पार्क में मंगलवार को तीन-चार बंदरों ने टहल रहे सुशील कुमार पर हमला कर दिया और उन्हें बुरी तरह काट लिया। उन्हें लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल ले जाया गया, जहां से आगे इलाज के लिए राम मनोहर लोहिया अस्पताल रेफर किया गया।

स्थानीय निवासी रूपेंद्र प्रकाश शर्मा ने बताया कि बंदर झुंड बनाकर लोगों पर हमला कर देते हैं, जिसके चलते घर से बाहर निकलने में भी डर लगता है। सुशील कुमार ने कहा कि उन्हें बंदर के काटने के बाद दो इंजेक्शन लग चुके हैं और डॉक्टरों ने अभी दो और इंजेक्शन लगाने की सलाह दी है। मयूर विहार निवासी एके गुप्ता के अनुसार बंदरों का डर लोगों में गहराता जा रहा है और वे लगातार घरों व सामान को नुकसान पहुंचा रहे हैं। राम नगर एक्सटेंशन के लोकेश पांचाल ने बताया कि कई बार बंदर हाथ से सामान छीनकर भाग जाते हैं और मौके पर आक्रामक होकर हमला भी कर देते हैं।

आरएमएल अस्पताल के एंटी रेबीज वैक्सीनेशन केंद्र के प्रभारी डॉ. देवाशीष परमार ने सलाह दी है कि बंदर या कुत्ते के काटने पर घाव को तुरंत पानी और साबुन या डेटॉल से अच्छी तरह धोना चाहिए और जल्द से जल्द डॉक्टर को दिखाना चाहिए, ताकि समय पर रेबीज का टीका लग सके। उन्होंने बताया कि ऐसे मामलों में कम से कम चार से पांच बार टीका लगाना जरूरी होता है।

शाहदरा दक्षिणी क्षेत्र वार्ड समिति के अध्यक्ष राम किशोर शर्मा ने कहा कि बंदरों को पकड़ने के लिए टीम काम कर रही है और इससे पहले शकरपुर इलाके से कुछ बंदरों को पकड़ा भी गया है। शाहदरा उत्तरी क्षेत्र वार्ड समिति के अध्यक्ष पुनीत शर्मा ने बताया कि बंदरों को पकड़ने का अभियान जारी है और पिछले महीने 12 से 15 बंदरों को पकड़कर भाटी माइंस में छोड़ा गया है।