बबाल के बाद पहलवान साहब की दरगाह पर बनी तीन दर्जन से अधिक दुकानें की सील, और तीन लॉन किए सील

बरेली। “आई लव मोहम्मद” विवाद के बाद शहर में लगातार प्रशासनिक कार्रवाई जारी है। इसी क्रम में कोतवाली क्षेत्र स्थित पहलवान साहब की दरगाह के पीछे बनी करीब तीन दर्जन दुकानों को नगर निगम ने सील कर दिया है। सील की गई दुकानों में आईएमसी का कार्यालय भी शामिल है। बताया जा रहा है कि ये सभी दुकानें वक्फ बोर्ड की संपत्ति पर बनी हुई हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार इन दुकानों का निर्माण लगभग 30 वर्ष पूर्व किया गया था। दुकानदारों का कहना है कि इस सम्पत्ति को लेकर मामला इलाहाबाद उच्च न्यायालय और वक्फ बोर्ड में विचाराधीन है। उनके मुताबिक इस पर अदालत से स्थगन आदेश (स्टे) भी चल रहा है। बावजूद इसके अचानक हुई इस कार्रवाई से व्यापारी वर्ग में आक्रोश देखा जा रहा है। दुकानदारों ने इसे अनुचित बताया और कहा कि जब मामला न्यायालय में लंबित है तो इस प्रकार की कार्रवाई कानूनन गलत है। दुकानदारों का यह भी कहना है कि कई वर्षों से वे वैधानिक रूप से किराया जमा कर रहे हैं और रोज़ी-रोटी का साधन इन दुकानों से ही चलता है। नगर निगम की टीम ने पुलिस बल की मौजूदगी में इन दुकानों पर ताले जड़ दिए। इस दौरान कई दुकानदारों ने विरोध भी किया, लेकिन भारी सुरक्षा व्यवस्था के चलते उन्हें पीछे हटना पड़ा। उधर, बरेली विकास प्राधिकरण (बीडीए) ने भी बड़े स्तर पर सख्ती दिखाई है। बीडीए की टीम ने पीलीभीत बायपास रोड पर बीसलपुर चौराहे के पास बने तीन प्रतिष्ठित लॉन आरिश लॉन, फ़हम लॉन, फ्लोरा गार्डन और स्काई लॉर्क को सील कर दिया है। बताया गया कि इन लॉन का संचालन बिना निर्धारित मानकों और स्वीकृति के किया जा रहा था। बीडीए अधिकारियों के मुताबिक, इन लॉन संचालकों को पूर्व में नोटिस देकर नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए कहा गया था, लेकिन समयसीमा के भीतर आवश्यक दस्तावेज और अनुमोदन प्रस्तुत नहीं किए गए। इसके बाद नियमानुसार कार्रवाई करते हुए इन्हें सील कर दिया गया। अधिकारियों का कहना है कि अवैध निर्माण और नियम विरुद्ध गतिविधियों पर किसी भी स्तर पर समझौता नहीं किया जाएगा। हालिया विवाद के बाद से शहर में प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है और संवेदनशील इलाकों में पुलिस बल की तैनाती भी बढ़ाई गई है। अधिकारियों का कहना है कि शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं। वहीं, प्रभावित दुकानदार और लॉन संचालक अब अपने कानूनी विकल्प तलाश रहे हैं। प्रशासन की इस कार्रवाई को लेकर शहर में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं। जहां एक ओर कुछ लोग इसे कानून व्यवस्था बनाए रखने और अवैध कब्जे पर रोक लगाने की दिशा में सही कदम बता रहे हैं, वहीं दूसरी ओर प्रभावित पक्ष इसे अपनी आजीविका पर सीधा हमला मान रहे हैं। आने वाले दिनों में इस मामले पर न्यायालय से क्या निर्णय आता है, इस पर सबकी निगाहें टिकी रहेंगी।