जब भारतवासी अपने दिल को स्वाभिमान से खुलेंगे

बदायूँ:तुलसी  साहित्यिक सामाजिक संस्था ने आज स्व.डां ब्रजेन्द्र अवस्थी के जन्मदिवस पर काव्य गोष्ठी आयोजित की कार्यक्रम की अध्यक्षता श्रीमती सीमा चौहान गंगा समग्र की प्रातीय सदस्य ने की कार्यक्रम में सरस्वती वंदना राजवीर सिंह ने पढ़ी 
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित बदायूं के वरिष्ठ शायर अहमद अमजदी ने पढ़ा ……
शायरे बेमिसाल अवस्थी थे खुद जबाबों सवाल अवस्थी थे आज भी जिसकी है जिया अहमदइल्म का वो हिलाल अवस्थी थे 
कार्यक्रम में शैलेन्द्र देव मिश्रा ने पढ़ा…………
नए नए साल की भी , बधाई के साथ साथ,नई नई ज़िन्दगी की , दिल से बधाई है।उथल पुथल भरा,रहा पूरा साल यूँ तो,बड़ी मुश्किल से यह ,शुभ घड़ी आई है।

दीपक तिवारी दिव्य ने पढ़ा …….
जब भारतवासी अपने दिल को स्वाभिमान से खुलेंगेहथियारों को हाथों में लेकर सड़कों पर जब डोलेंगेतब विल में बैठे आस्तीन के सांप सपोले रो-रोकरकाश्मीर से केरल तक सब जय मां भारत बोलेंगे

राजवीर सिंह पढ़ा ……
आया है नया साल आओ जश्न मनायें, भर हौसले दिलों में नये ख्वाब सजाये। बैठा है आदमी जो मुकद्दर की ओट में, बनता है हौंसलों से मुकद्दर यह बतायें। 
ओजस्वी कवि षटवदन शंखधार ने……. अवस्थी जी के लिए पढ़ा…….विधा के वारिधी विधाता विधालय के आप पूज्य मां सरस्वती के प्रिय भक्त आप थेनिज स्वाभिमान -अभिमान हीन भारत के करमवीर कृष्ण के कृपालु रूप आप थे
सीमा चौहान जी ने पढ़ा ……..
ग़ज़ल हो जिंदगी कभी गीत हो जिंदगी दे सकें गर उजाला एक दीप हो जिंदगी
इसके अलावा अजीत सुभाषित ,अचिन मासूम , सचिन , वासुदेव मिश्रा, पुष्पेन्द्र मिश्रा ने भी काव्य पाठ किया कार्यक्रम का संचालन दीपक तिवारी ने जी ने किया कार्यक्रम संयोजक शैलेन्द्र मिश्रा ने सभी का ह्रदय से आभार धन्यवाद ज्ञापित किया

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