बरेली। यूटा जिलाध्यक्ष भानु प्रताप सिंह के नेतृत्व में मंगलवार को सैकड़ों शिक्षक कलेक्ट्रेट पहुंचे और प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन अपर नगर मजिस्ट्रेट आलोक कुमार को सौंपा। ज्ञापन में मांग की गई कि सर्वोच्च न्यायालय के 1 सितम्बर 2025 के आदेश जिसमें कहा गया है कि 23 अगस्त 2010 से पूर्व नियुक्त शिक्षक भी आगामी दो वर्षों में टीईटी उत्तीर्ण करें , अनुपालन में संशोधित अधिनियम जारी किया जाए तथा न्यायालय में प्रभावी पैरवी की जाए। शिक्षक नेताओं ने कहा कि यह आदेश देशभर के लगभग 30 लाख शिक्षकों और उनके परिवारों की आजीविका पर संकट ला सकता है। उनका कहना है कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 की धारा 23(1) व 23(2) के अनुसार 23 अगस्त 2010 से पहले नियुक्त शिक्षकों के लिए टीईटी अनिवार्य नहीं है। इसी प्रावधान को ध्यान में रखते हुए मांग की गई है कि पुराने शिक्षकों को टीईटी से छूट दी जाए। शिक्षकों ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने उनके पक्ष में जल्द संशोधन नहीं किया तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। ज्ञापन कार्यक्रम में मुख्य रूप से जूनियर शिक्षक संघ के मंडल मंत्री विनोद शर्मा, राज पल्याल, हरीश बाबू, हेमंत कुमार, अरविन्द गुर्जर, सतेंद्र पाल सिंह, रमेश मौर्य, वीरेंद्र कुमार, देवराज भारती, रीटा बत्रा, अर्चना, शशि प्रताप बौद्ध, पंकज सिंह यादव, सीरत खान, प्रेम प्रकाश, असीम कुमार समेत बड़ी संख्या में शिक्षक मौजूद रहे।