बरेली। रुहेलखंड विश्वविद्यालय के बहुभाषा अध्ययन केंद्र ने छात्रों के करियर विकल्पों को व्यापक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। फ्रेंच, जर्मन, मंदारिन और स्पेनिश जैसी विदेशी भाषाओं के डिप्लोमा पाठ्यक्रम छात्रों को न केवल वैश्विक ज्ञान से जोड़ते हैं, बल्कि बेहतर रोजगार के अवसर भी प्रदान कर रहे हैं। एमकॉम की छात्रा सुगंधा शर्मा ने परंपरागत करियर की राह छोड़कर फ्रेंच और जर्मन भाषा के डिप्लोमा पाठ्यक्रम में दाखिला लिया था। उन्होंने इसे सफलतापूर्वक पूरा कर हाल ही में एक प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान में फ्रेंच भाषा अध्यापिका के पद पर नौकरी प्राप्त की। अपनी सफलता पर सुगंधा ने विभागाध्यक्ष डॉ. अनीता त्यागी और समन्वयक डॉ. रजनीश गुप्ता का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि बहुभाषीय पाठ्यक्रम से प्राप्त ज्ञान ने उन्हें करियर में नई ऊँचाइयों तक पहुंचाया। साथ ही उन्होंने अन्य विद्यार्थियों से भी इन पाठ्यक्रमों का लाभ उठाने की अपील की। सुगंधा की उपलब्धि पर प्रसन्न होकर जर्मन दूतावास ने उन्हें उपहार स्वरूप जर्मन भाषा की किताबें और एक बैग भेंट स्वरूप प्रदान किया। डॉ. अनीता त्यागी ने बताया कि मंदारिन भाषा डिप्लोमा कर रहे विद्यार्थियों को ताइवान सरकार की ओर से तीन से बारह महीने की छात्रवृत्ति दी जाती है, ताकि वे ताइवान में रहकर उन्नत मंदारिन कोर्स कर सकें। पिछले तीन वर्षों से रुहेलखंड विश्वविद्यालय का बहुभाषीय अध्ययन केंद्र एक वर्षीय डिप्लोमा पाठ्यक्रम (फ्रेंच, जर्मन, मंदारिन, स्पेनिश), दो वर्षीय स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम (फंक्शनल हिंदी और पाली), तथा छह माह के दो सर्टिफिकेट कोर्स (अंग्रेजी भाषा में पारंगत होने के लिए) भी चला रहा है। कुलपति प्रो. केपी सिंह ने ऐसे उन्नत विदेशी भाषा पाठ्यक्रमों को शुरू करने के लिए अपनी संतुष्टि व्यक्त की और इसे बरेली जैसे छोटे शहर के विद्यार्थियों के लिए सुनहरा अवसर बताया।