बरेली। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ ने शुक्रवार को विभिन्न मांगों को लेकर कलक्ट्रेट में उपवास रखा और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट अलंकार अग्निहोत्री को सौंपा। संघ के जिलाध्यक्ष कपिल यादव के नेतृत्व में बड़ी संख्या में शिक्षामित्र कलक्ट्रेट पहुंचे। जिलाध्यक्ष ने कहा कि परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में पिछले 25 वर्षों से शिक्षामित्र शिक्षण कार्य कर रहे हैं, लेकिन उन्हें पर्याप्त मानदेय नहीं मिल रहा। महामंत्री कुमुद केशव पांडे ने बताया कि 25 जुलाई 2017 को समायोजन रद्द होने के बाद से शिक्षामित्रों की स्थिति बेहद खराब हो गई है। बीते आठ वर्षों में नियमित शिक्षकों को लगभग 24 हजार रुपये महंगाई भत्ते का लाभ दिया गया, जबकि शिक्षामित्र अभी भी केवल 10 हजार रुपये के अल्प मानदेय पर काम करने को विवश हैं।उन्होंने कहा कि इस राशि से बच्चों की पढ़ाई और माता-पिता की दवाई तक का खर्च उठाना संभव नहीं है, जिससे शिक्षामित्र अवसादग्रस्त हो रहे हैं। जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनिल गंगवार ने कहा कि महिला शिक्षामित्रों को विवाह उपरांत उनके ससुराल के विद्यालय में समायोजित किए जाने के आदेश का पालन कराया जाए। उपाध्यक्ष अनिल यादव ने मांग की कि शिक्षामित्रों को ईपीएफ और आयुष्मान भारत योजना में शामिल कर सुविधाएं दी जाएं। साथ ही उन्हें शिक्षक की तरह वेतन व अन्य लाभ प्रदान किए जाएं। इस मौके पर रामनिवास, संजीव सागर, श्याम सिंह, सुरेंद्र पाल वर्मा, सतीश गंगवार, शिशुपाल सिंह, हरीश कुमार, अचल सक्सेना, धर्मवीर मौर्य, अनिल यादव, राजकुमार, राजीव उपाध्याय, संतोष कुमार, भगवान सिंह यादव, संजय कुमार, मदनलाल वर्मा, भीमसेन, लवलेश शर्मा, शील कुमार, बाबूराम, वीर सिंह समेत बड़ी संख्या में शिक्षामित्र उपस्थित रहे।