फतेहगंज पश्चिमी – पैग़म्बर-ए-इस्लाम हज़रत मोहम्मद मुस्तफ़ा की 1500वीं साला विलादत के मौके पर पूरे क़स्बे में जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी बड़े ही शान-ओ-शौकत और अकीदत-ओ-मोहब्बत के साथ मनाया गया। यह दिन सिर्फ़ मुसलमानों के लिए ही नहीं बल्कि पूरी इंसानियत के लिए रहमत और मोहब्बत का पैग़ाम लेकर आया। सुबह से ही क़स्बे की फ़िज़ाओं में नात-ओ-सलाम की सदाएँ गूँजने लगीं। मस्जिदों, मदरसों और दरगाहों पर महफ़िल-ए-नात का सिलसिला जारी रहा। घर-घर, दुकानों और गलियों को झंडियों, रंग-बिरंगी लाइटों और परचमों से सजाया गया। हर तरफ़ एक रूहानी और पुरनूर माहौल क़ायम था।सुबह करीब 9 बजे जामा मस्जिद, गौसिया मस्जिद, क़ादरी मस्जिद समेत सभी मस्जिदों और मदरसों की अंजुमनें अपने-अपने इलाक़ों से जुलूस की शक्ल में निकल पड़ीं। बच्चे, नौजवान और बुज़ुर्ग सबने इसमें शिरकत की। नात-ख़्वानी, तिलावत-ए-क़ुरआन और सलाम की गूंज से सड़कों का माहौल रोशन हो उठा। जुलूस मुख्य मार्ग से होते हुए लोधीनगर चौराहे पर पहुँचा। वहाँ पर उलमा-ए-किराम ने तक़ारीर पेश कीं और नबी-ए-करीम की सीरत से इंसानियत को मिलने वाले सबक़ पर रौशनी डाली। दोपहर तक यह जुलूस बिजली घर पर पहुँचकर दुआ-ए-ख़ैर के साथ मुकम्मल हुआ। जुलूस के दौरान भारी भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन भी पूरी तरह मुस्तैद रहा। थाना प्रभारी अभिषेक कुमार चौकी प्रभारी अनूप सिंह दल-बल के साथ जगह-जगह गश्त करते नज़र आए। हर नुक्कड़ और चौराहे पर पुलिस बल तैनात रहा ताकि कोई अप्रिय घटना न हो सके। जुलूस में सभी मस्जिदों के इमाम व तमाम अंजुमनों के अलावा एडवोकेट इमरान अंसारी, हाजी वाहिद खांन, सरदार अजहरी, राजा भाई, असद अंसारी, मोहम्मद शरीफ, अमान अंसारी, फैजुल अंसारी, नावेद कादरी, असजद अंसारी सहित तमाम लोग मौजूद रहे