बरेली। उत्तर प्रदेश ग्राम रोजगार सेवक संघ के जिला अध्यक्ष गंगादीन कश्यप और महामंत्री आर.के. गंगवार के नेतृत्व में ग्राम रोजगार सेवकों ने सोमवार को जिलाधिकारी को संबोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा। ग्राम रोजगार सेवकों ने मांग की कि उन्हें एग्री स्टैक-डिजिटल क्रॉप सर्वे के कार्य से मुक्त किया जाए। उनका कहना है कि वे पहले भी कई बार क्रॉप सर्वे कर चुके हैं लेकिन आज तक अधिकांश को मेहनताना नहीं मिला। वहीं विभागीय मानदेय का भुगतान भी लगभग 18 से 20 माह से लंबित है, जिससे रोजगार सेवक आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं। जिला अध्यक्ष गंगादीन कश्यप ने कहा कि ग्राम रोजगार सेवकों पर पहले से ही ग्राम पंचायत स्तर पर मनरेगा कार्य, बीएलओ ड्यूटी, फैमिली आईडी, फार्मर रजिस्ट्री, आवासों की सर्वे-सत्यापन, जियो टैगिंग और मजदूरों की एनएमएमएस ऐप पर हाजिरी जैसी जिम्मेदारियां हैं। ऐसे में अतिरिक्त कार्य करना संभव नहीं है। रोजगार सेवकों ने यह भी बताया कि क्रॉप सर्वे के दौरान भू-स्वामियों से विवाद, जंगली जानवरों और छुट्टा पशुओं के हमले, खेतों की तारबंदी से चोटिल होने जैसे खतरे बने रहते हैं, जबकि किसी भी तरह की बीमा सुरक्षा उपलब्ध नहीं है। वहीं, सर्वे ऐप की तकनीकी दिक्कतों और गुणवत्तापूर्ण मोबाइल फोन न होने की समस्या भी आड़े आती है। ग्राम रोजगार सेवकों ने ज्ञापन में मांग की कि शासन स्तर पर लंबित मानदेय का शीघ्र भुगतान कराया जाए, मानदेय की प्रक्रिया को मानव दिवस सृजन की बाध्यता से मुक्त किया जाए, प्रशासनिक मद से भुगतान के नियम में बदलाव कर पृथक बजट से मानदेय दिया जाए। इसके अलावा स्वास्थ्य एवं सुरक्षा बीमा योजना का लाभ दिलाया जाए और स्मार्टफोन/टैबलेट उपलब्ध कराए जाएं। संघ ने साफ कहा कि जब तक सर्वे कार्य को उनके जॉब चार्ट में शामिल नहीं किया जाता और समस्याओं का समाधान नहीं होता, तब तक वे एग्री स्टैक-डिजिटल क्रॉप सर्वे नहीं कर पाएंगे। ज्ञापन देने वालों में कांता प्रसाद, महेंद्र पाल, मुलायम सिंह यादव ,सरिता यादव ,ममता राजपूत ,नीता सिंह, सुमन शाक्य , आशा , प्रताप सिंह, नरेंद्र गंगवार , अनिल कुमार, गोवर्धन , मनोज धारा सिंह,जोगेंद्र पाल यादव, संतोष कुमार, रवि कुमार, रामनिवास आदि मौजूद रहे।