बरेली। दिल्ली में संसद के बाहर स्थित ऐतिहासिक मस्जिद को लेकर बढ़ते विवाद के बीच ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने एक बार फिर तीखा बयान दिया है। उन्होंने मस्जिद के समर्थन में आवाज उठाने वाले मौलाना साजिद रसीदी के साथ मारपीट की घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए समाजवादी पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा कि जो लोग मस्जिद के हक में बोल रहे हैं, उन्हें डराया-धमकाया और पीटा जा रहा है, जो बेहद शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि मस्जिद के पक्ष में आवाज बुलंद करना कोई गुनाह नहीं है, बल्कि यह मुसलमानों का हक है और वह हर हाल में इस हक को लेकर खड़े रहेंगे। मौलाना ने समाजवादी पार्टी के शीर्ष नेताओं अखिलेश यादव, धर्मेंद्र यादव, डिंपल यादव और मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि इन सभी को एक न एक दिन माफी मांगनी ही होगी। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर इन नेताओं ने मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हुए माफी नहीं मांगी, तो 2027 के विधानसभा चुनाव में मुसलमान घर-घर सवाल करेगा – “आपने मस्जिद की तौहीन क्यों की?” मौलाना ने दो टूक कहा कि मुसलमान अपने मजहबी रहनुमाओं की बहुत इज्जत करता है और अगर किसी धार्मिक व्यक्ति के साथ इस तरह की बदसलूकी की जाती है, तो उसे सीधे तौर पर मजहब की तौहीन माना जाएगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि मस्जिद की आवाज अब नहीं दबाई जा सकती और जो भी लोग इसे दबाने की कोशिश करेंगे, उन्हें इसका सियासी खामियाजा भुगतना पड़ेगा। मौलाना ने कहा कि जब मस्जिद की बात होगी तो हर मुसलमान साथ खड़ा नजर आएगा और 2027 में उलमा सड़कों पर उतरकर यह बताएंगे कि कौन-कौन लोग मस्जिद की तौहीन में शामिल थे। उन्होंने साफ किया कि अब यह आंदोलन सिर्फ एक इमारत का नहीं, बल्कि मुसलमानों की अस्मिता और आस्था का सवाल बन चुका है, और इसका जवाब वक्त आने पर जरूर दिया जाएगा।