बरेली। समाजसेवी और पीडीए नेता डॉक्टर अनीस बेग के नेतृत्व में एक शानदार मुशायरे का आयोजन आई एम ए हाल में किया गया, जिसमें देशभर के नामचीन शायरों ने शिरकत की। यह कार्यक्रम स्थानीय समुदाय में भाईचारे, मोहब्बत और साहित्यिक चेतना को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित किया गया। जिसके बाद एक के बाद एक शायरों ने अपने बेहतरीन शेर, ग़ज़लें और नज़्में पेश कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया कार्यक्रम में वसीम नादिर साहब तुम दर्द सुना कर चले गए उसके बाद बहुत टूट फूट मुझमें हुई ,राहिल सकलानी साहब ने कहा मुस्करा कर वो बात करता हुआ और मैं जख्म जैसा भरता हुआ ,सुहैल आजाद ,आतिफ रईस मेरा खयाल यही था के जिंदगी अगर मुझको मिली तो मेरे नाम से पुकारोगे ,माध्यम सक्सेना ने कहा दिल का रास्ता बिल्कुल सीधा होता है दाएं बाएं तो दुनियादारी होती है,सैयद मसूद,शिल्पी सक्सेना अपने माटी के गीत लाई हु गीत में मैं स्वदेश लाई हु ,उन्नति राधा शर्मा ने सुनाया की किसे को खबबाब में बस छू लिया था तभी से हम नशीले हो रहे है , अली शरीक ने कहा कि ऐसा लगता तो नहीं था एक वक्त के बाद गर ये ये रिश्ता था तो एक कॉल कर देते,अनुज कपूर,फहीम दानिश,टूट कर रोज बिखर जाते है कैसे कह दूं फूल जैसे हो फूल तो मुंह नहीं बनाते सबेरा जिस समय आता रहा सबेरा शाम के पीछे देखकर मुझको परेशान होने वाले सुन सुकून देखकर मुझको परेशान होने वाले सुन बहुत मेहनत लगी है यार इस शाम के पीछे श्रोताओं ने बार-बार तालियों की गड़गड़ाहट से अपने उत्साह का इज़हार कियाडॉ. अनीस बेग ने अपने संबोधन में कहा “हमारा उद्देश्य सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि उर्दू अदब और गंगा-जमुनी तहज़ीब को ज़िंदा रखना है। इस मुशायरे के ज़रिए हम मोहब्बत, अमन और इंसानियत का पैग़ाम देना चाहते हैं इस मौके पर क्षेत्रीय गणमान्य लोग, शिक्षक, छात्र और आम नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। अंत में सभी मेहमान शायरों को सम्मान चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ सबीन अहसन ,स्मिता यादव, डॉ आसिफ, एड. हुरिया रहमान, एड. रोशनी खान, एड. रहमान, फसाहत नूर खान, इरफान अली,उवैस खान आदि रहे।