बदायूँ। सपा के शासन काल में बना राजकीय मेडिकल कालेज आजकल अपनी दीनहीन दशा पर आँसू बहा रहा है जगह जगह यहाँ गंदगी का अंबार लगा हुआ है खाली पड़ी जगह पर झाड़ियों का अंबार है,स्टाफ के साथ साथ डॉक्टरों की भारी कमी है,बिल्डिंग के हालात भी बहुत खराब है, लोग इस सब के लिये वर्तमान सरकार को दोषी मानते है,जबकि राजकीय मेडिकल कालेज के प्राचार्या का कहना है जल्द ही व्यवस्थाओं में सुधार हो जायेगा,लेकिन तसबीरें देख कर लगता है कि मेडिकल कालेज खुद ही बीमार है। दरसल जिला मुख्यालय पर राजकीय मेडिकल कालेज की स्थापना सपा के शासन काल मे हुई थी सपा सांसद धर्मेद्र यादव का ये ड्रीम प्रोजेक्ट था साथ ही जिले के लोगों को भी उम्मीद थी की मेडिकल कालेज बनने के बाद उन्हें इलाज के लिये, बरेली लखनऊ से लेकर दिल्ली तक के चक्कर नही लगाने पड़ेंगे सारी इलाज की सुभिधाये यहीँ मिल जाया करेंगी,वर्तमान में मेडिकल कालेज अपनी दुर्दशा पर ऑंसू बहा रहा है बहाँ जनपद के दूरदराज के क्षेत्रों से लोग इलाज की लालसा में आते हैं लेकिन स्टाफ और डॉक्टरों की कमी के चलते लंबी लंबी लाइनों में लगना पड़ता है,और अगर डॉक्टर ने उन्हें भर्ती की सलाह दी तो और बुरा हाल,पहले तो उचित इलाज नही मिल पाता दूसरे अस्पताल में फैली अव्यवस्था से भी जूझना पड़ता है,मरीजों के मुताबिक अस्पताल में सीलिंग जगह जगह से टूट गई है,गंदगी बहुत है स्ट्रैचर ओर व्हील चेयर से खुद ही तीमारदारों को मरीज को इधर से उधर लेजाना पड़ता है। बहीं मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल डॉ अरुण कुमार का कहना है कि हमारे यहाँ मानक से 40% डॉक्टरों की कमी है, अव्यवस्थाओं पर उन्होंने कहा कि उनको सुधारा जा रहा है उन्होंने कहा कि दिन में तीन बार वार्डों की सफाई होती है,पानी की अच्छी व्यवस्था है वाकी अन्य कमियों पर भी हम लोग काम कर रहे हैं। मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल के अपने दावे है तो दूसरी तरफ मरीजों के तीमारदारों की अपनी परेशानिया हैं,लेकिन कहते है तसबीरें झूट नही बोलती यहाँ की तसबीरें देख कर कोई भी आसानी से अंदाजा लगा सकता है कि यहाँ के हालात कैसे हैं क्योंकि फिलहाल बीजेपी राज में राजकीय मेडिकल कालेज खुद बीमार है।