बदायूं। एचपी इंटरनेशनल स्कूल, बदायूं में विश्व एमोजी डे के अवसर पर एक अनोखा और संवेदनशील शैक्षिक आयोजन किया गया, जिसमें नन्हे छात्रों को भावनाओं और उनके अभिव्यक्तिकरण की कला सिखाई गई। बच्चों को एमोजी के माध्यम से यह बताया गया कि कैसे हम हंसी, गुस्सा, उदासी, आश्चर्य और प्यार जैसी भावनाओं को व्यक्त कर सकते हैं। यह कार्यक्रम केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि एक भावनात्मक जागरूकता का सशक्त प्रयास था। छात्रों ने हाथ में बने रंग-बिरंगे एमोजी कार्ड्स के साथ अपने चेहरे के हाव-भाव मिलाकर भावनाओं को प्रदर्शित किया। यह दृश्य न सिर्फ आनंददायक था, बल्कि यह भी दर्शा रहा था कि कैसे शिक्षा अब किताबों से आगे बढ़कर बच्चों के भीतर के मनोविज्ञान को भी छू रही है। कार्यक्रम में विद्यालय के मैनेजिंग डायरेक्टर शिवम पटेल ने कहा – “आज के बच्चे सिर्फ अकादमिक ज्ञान ही नहीं, बल्कि भावनात्मक समझ के भी हकदार हैं। हमारी कोशिश है कि हम उन्हें ऐसा मंच दें जहां वे अपने दिल की बातें समझ सकें और दूसरों की भावनाओं का भी आदर करना सीखें। एमोजी केवल डिजिटल चिन्ह नहीं हैं, ये आज की पीढ़ी की भाषा बन चुके हैं।” वहीं प्रधानाचार्य संदीप पांडेय ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा – “एक सच्चा इंसान वही होता है जो अपनी भावनाएं समझ सके और दूसरों की भी महसूस कर सके। आज बच्चों ने ये सीखा कि गुस्से में प्रतिक्रिया देने के बजाय उसे कैसे पहचानें और शांतिपूर्वक सुलझाएं। यह आयोजन बच्चों की जीवन-कौशल शिक्षा का एक मजबूत कदम है।” इस आयोजन ने यह संदेश दिया कि शिक्षा का अर्थ केवल पाठ्यक्रम नहीं, बल्कि संवेदनाओं को समझना और मानवता को आत्मसात करना भी है। एचपी इंटरनेशनल स्कूल ने यह साबित कर दिया कि जब शिक्षा में दिल जुड़ता है, तब समाज का भविष्य भी उज्जवल बनता है।