भक्ति से मिलती है मुक्ति, श्याम बिहारी चतुर्वेदी

बरेली । हर मिलाप शिव शक्ति मंदिर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के प्रथम दिवस में वृंदावन धाम से पधारे आचार्य श्याम बिहारी चतुर्वेदी ने भक्ति के कष्ट की निवृति की कथा सुनाते हुए, बताया कि नारद जी ने सनत कुमारों के द्वारा श्रीमद् भागवत कथा श्रवण की, और वह भी भक्ति के दोनों पुत्र ज्ञान और वैराग्य के कष्ट की निवृत्ति के लिए, आगे कथा में एक आत्मदेव नाम के ब्राह्मण थे जिनकी कोई संतान नहीं थी, संत के आशीर्वाद से एक फल की प्राप्ति हुई, फल को लाकर के उन्होंने अपनी पत्नी धुंधली को दे दिया, और कहा देवी इस फल को खाओगी तो तुम्हारे संतान अवश्य होगी, पत्नी विपरीत विचारों की होने के कारण फल उसने नहीं खाया, और अपनी बहन से यह चर्चा की बहन ने कहा, क्यों संतान के चक्कर में पड़ रही है, एक काम कर, मेरे बच्चे बहुत हैं एक बच्चा मेरे गर्भ में है, और मेरे ही बच्चे को तू अपनी गोद ले लेना, और अपने पति को बता देना यह मेरा ही बेटा है, और मेरे पति को धन दे देना, धुंधली ने इस बात को अनुमोदन कर दिया, फिर धुंधली ने कहा फिर फल का क्या करेंगे, तो उसकी बहन ने कहा, फल अपने यहां जो गाय है, उसको खिला दे, उसको भी तो कोई बच्चा नहीं हुआ है ,अगर फल में कोई सत्यता है, तो बच्चा अवश्य होगा, फल की परीक्षा के लिए फल गाय को खिला दिया, बहन के बेटा को गोद ले लिया, और गाय को भी 3 महीने बाद एक बच्चा हुआ, जिसका नाम आत्मदेव ने गोकर्ण रख दिया है, गोकर्ण बड़े ही पंडित और ज्ञानी हुए हैं ,और जो उनका गोद लिया हुआ पुत्र था, जिसका नाम धुंधकारी था वह अत्यंत दुष्ट प्रवृत्ति का हुआ, एक दिन आत्मदेव ने अपने बेटे से कहा बेटा ब्राह्मण शरीर मिला है, तुम अच्छे से वेद अध्ययन करना चाहिए, जिसके तुम अधिकारी हो, सुबह ब्रह्म मुहूर्त में जागना चाहिए, पिता की बात को अनसुना कर दिया , धुन्धकारी कहने लगा, हमें जो करना होगा वह करेंगे, आप हमें ज्ञान देने वाले होते कौन हैं, पिताजी को अच्छा नहीं लगा, पिताजी जाकर के अवसाद में बैठ गए ,तब गोकर्ण ने आकर के समझाया पिताजी आप क्यों उदास हो रहे हो, संसार में दो ही रस्सी है, जिसके द्वारा संसार से मुक्त हुआ, जा सकता है,पहली शरीर को अपना समझना यही गलती करना है दूसरी पत्नी बच्चों को अपना समझना, यही मनुष्य की दो गलती हैं, जिसके कारण व्यक्ति संसार में दुखी होता है, यदि आप भगवान की भक्ति करेंगे तो आपको मुक्ति अवश्य प्राप्त होगी ,पिताजी ने गोकर्ण के द्वारा बताया हुआ दशम स्कंध,पाठ किया , उन्हें भक्ति के द्वारा मुक्ति प्राप्त हुई, तो यही इसका सारांश है, कि जो व्यक्ति भक्ति करता है,उसे मुक्ति अवश्य प्राप्त होती है, आगे धुंधकारी को भी कथा सुना करके भगवान की भक्ति के द्वारा उसको भी मुक्त कर दिया था, इस मौके पर भजन गायक जगदीश भाटिया, अमित मिश्रा, राजेश मिश्रा, निर्मला देवी, दीपक भाटिया, गीता भाटिया आदि।